नई दिल्ली। पुलवामा में फरवरी 2019 में हुए आतंकी हमले को लेकर बड़े खुलासे सामने आ रहे हैं। पुलवामा हमले के मुख्य आरोपी आदिल डार के भाई समीर डार ने पूछताछ में कई अहम जानकारियां दी हैं। उसने खुलासा किया है कि दिसंबर 2019 में भी उसने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को घाटी पहुंचाया था।
हालांकि समीर ने कहा कि पुलवामा छोड़ने के बाद आतंकवादियों के ठिकानों की उसे कोई जानकारी नहीं है पर उसने एक अहम बात यह बताई कि आतंकवादियों के पास सामान्य बख्तरबंद गाड़ियों को भेदने में सक्षम ‘स्टील के कारतूस’ मौजूद थे। उनके पास भारी मात्रा में गोला बारूद भी था।
समीर को पुलिस ने उस समय पकड़ा जब वह सुरक्षा बलों पर गोलीबारी करने के बाद नगरोटा से भाग रहा था। अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आतंकवादी ने जैश आतंकवादियों के पास मौजूद हथियारों के बारे में भी जानकारी दी है जिससे संकेत मिलता है कि संगठन के पास एम-4 कार्बाइन और स्टील के कारतूस हैं।
14 फरवरी को समीर के रिश्ते के भाई आदिल ने विस्फोटकों से लदी कार के ज़रिए सीआरपीएफ के बस के नजदीक धमाका कर दिया था। इस धमाके में 40 जवान शहीद हो गए थे। जांच में चीन का लिंक भी सामने आया है। मालूम पड़ा कि सीमा पार चीनी तकनीक की मदद से स्टील के कारतूस बनाए गए थे। अहम बात यह भी है कि आतंकियों के पास मौजूद एम-4 कार्बाइन अमेरिकी हथियार है जिसका इस्तेमाल अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना करती है।