नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू और सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच मची वर्चस्व की जंग को सुलझाने में कांग्रेस हाईकमान नाकाम रहा है। हालत ये है कि राहुल गांधी ने जलियांवाला बाग में बदलाव के मोदी सरकार के कदम का विरोध किया, तो कैप्टन अमरिंदर ने मोदी का पक्ष ले लिया। उधर, सिद्धू ताली ठोक-ठोककर धमकी दे रहे हैं कि अगर उन्हें काम न करने दिया गया, तो वह ईंट से ईंट बजा देंगे। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर राहुल गांधी ने आज सिद्धू को दिल्ली तलब किया है। सिद्धू की राहुल के अलावा प्रियंका गांधी वाड्रा से भी मुलाकात होनी है। उधर, कांग्रेस के पंजाब प्रभारी और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत का इरादा सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर के बीच सुलह कराना है। इसके तहत रावत ने अमरिंदर से मुलाकात भी की थी। सिद्धू को भी उन्होंने साथ चलने को कहा, लेकिन वह दिल्ली पहुंच गए।
जानकारी के मुताबिक हरीश रावत से सिद्धू ने साफ कहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस हाईकमान की बात नहीं मान रहे हैं। सिद्धू के मुताबिक जिन 18 बिंदुओं पर कैप्टन को कदम उठाने के लिए कहा गया था, उसे भी पूरा नहीं किया गया है। ऐसे में अब देखना ये है कि राहुल और प्रियंका क्या सिद्धू को समझाकर अमरिंदर से उनकी जारी जंग को रोक सकता है या नहीं। सिद्धू जिस तेवर के साथ दिख रहे हैं, उसमें फिलहाल लगता नहीं कि अमरिंदर के सामने वह चुप बैठेंगे।
बता दें कि कैप्टन ने भी पिछले दिनों कांग्रेस आलाकमान को अपनी ताकत दिखाई थी। कैप्टन ने डिनर पार्टी की थी। जिसमें पंजाब से कांग्रेस के 4 सांसद और 60 से ज्यादा विधायक शामिल हुए थे। ऐसे में अगले साल होने जा रहे पंजाब विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान किसी भी तरह अमरिंदर को नाराज भी नहीं करना चाह रहा है। इसके साथ बीच का रास्ता निकालने की कोशिश हो रही है, लेकिन इस रास्ते पर कदम बढ़ाने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू तैयार नहीं हैं।