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महामारी के बीच राजनीति : केंद्र पर भेदभाव करने का आरोप, विरोध में कांग्रेस का ‘हर घर तिरंगा’ अभियान

लॉकडाउन से राज्य को हुए नुकसान को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि राज्य को लॉकडाउन और कर्फ्यू की वजह से 3360 करोड़ रुपये का मासिक रेवेन्यू घाटा उठाना पड़ रहा है।

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच केंद्र और गैर-भाजपा शासित प्रदेशों के बीच राजनीति शुरू हो गई है। जहां कोरोना को लेकर पीएम मोदी ने राजनीति से हटकर काम करने की अपील की है तो वहीं गैर भाजपा शासित प्रदेशों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।

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इसी के चलते केंद्र सरकार का विरोध जताते हुए पंजाब में कांग्रेस पार्टी ने सभी लोगों से घरों की छत पर तिरंगा फहराने की अपील की है। 1 मई के दिन कांग्रेस ने यहां हर किसी से केंद्र का विरोध जताने के लिए ये अपील की है। बता दें कि पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया है कि केंद्र की ओर से लगातार पंजाब और अन्य गैर-बीजेपी शासित प्रदेशों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।

इस मुद्दे को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ सभी विधायकों की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने इस प्रस्ताव को रखा कैप्टन अमरिंदर की सहमति के साथ ये प्रस्ताव पास हुआ।

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लॉकडाउन से राज्य को हुए नुकसान को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि राज्य को लॉकडाउन और कर्फ्यू की वजह से 3360 करोड़ रुपये का मासिक रेवेन्यू घाटा उठाना पड़ रहा है। अंदाजा है कि जब तक लॉकडाउन और कर्फ्यू खत्म होगा तब तक पंजाब को इस वित्त वर्ष में करीब 50 हजार करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हो चुका होगा।

पंजाब सीएम ने कहा कि इसके बावजूद भी केंद्र की ओर से अब तक राज्य के लिए मदद की कोई भी पहल नहीं की गई है। इसके साथ ही पंजाब कांग्रेस ने तिरंगा फहराकर किसानों और कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ भी इस मुहिम को जोड़ा है। पंजाब के अलावा अन्य कई कांग्रेस शासित प्रदेशों की ओर से दावा किया गया है कि केंद्र सरकार की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं मिली है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, महाराष्ट्र का कहना है कि बिना केंद्र सरकार की आर्थिक मदद के ये लड़ाई लड़ पाना मुश्किल है।