newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

दिल्ली : कोरोना मरीजों के शवों से भरा पंजाबी बाग का श्मशान घाट, वीडियो वायरल

कोविड मरीजों के लिए रिजर्व साउथ एमसीडी के पंजाबी बाग श्मशान घाट रोजाना शवों से भर जाता है। जिससे शवों के अंतिम संस्कार के लिए परिवार वालों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। गुरुवार को पंजाबी बाग श्मशान घाट में दर्जनों शवों के एक साथ अंतिम संस्कार का वीडियो भी वायरल हुआ।

नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सरकारी आंकड़े जहां 984 मौतों की बात करते हैं तो एमसीडी का कहना है कि दो हजार से ज्यादा मौतें हुईं हैं। बहरहाल, इन दिनों दिल्ली में श्मशान घाटों पर कोरोना से मरने वालों के शवों का ढेर लग रहा। पंजाबी बाग श्मशान घाट के हालात भयावह हैं।

कोविड मरीजों के लिए रिजर्व साउथ एमसीडी के पंजाबी बाग श्मशान घाट रोजाना शवों से भर जाता है। जिससे शवों के अंतिम संस्कार के लिए परिवार वालों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। गुरुवार को पंजाबी बाग श्मशान घाट में दर्जनों शवों के एक साथ अंतिम संस्कार का वीडियो भी वायरल हुआ।

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने इस वीडियो को ट्वीट किया। जिसमें लाइन से एक साथ दर्जनों शव जलते दिख रहे हैं। वीडियो में एक व्यक्ति कहता है कि यहां शमशान घाट भर गया है और शवों को जलाने की जगह नहीं है। बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने वीडियो को ट्वीट कर कहा, “पंजाबी बाग शमशान घाट, दिल्ली, यहां विज्ञापन लगवाइए केजरीवाल जी। सबसे ज्यादा लोग यहीं आ रहे हैं आजकल।”

उधर, दिल्ली में मौतों को लेकर कांग्रेस नेता अजय माकन का रुख भी केजरीवाल सरकार को लेकर हमलावर है। अजय माकन ने दिल्ली में देश में सबसे ज्यादा मृत्यु दर होने की आशंका जताई है। अजय माकन ने ट्वीट कर कहा, ” कुल 2098 का कोविड प्रोटोकॉल के तहत दिल्ली में अंतिम संस्कार हुआ। मगर सरकार सिर्फ 984 मौत दिखा रही है। साउथ डीएमसी में 1080, नार्थ डीएमसी 976, ईस्ट डीएमसी में 42 लोगों की मौत हुई। इस प्रकार दिल्ली में मृत्यु दर 6.4 प्रतिशत है। जो कि देश में सबसे ज्यादा है या फिर गुजरात के बाद सबसे ज्यादा है।”

बता दें कि पंजाबी बाग श्मशान घाट को सिर्फ कोरोना से मरने वालों के अंतिम संस्कार के लिए रिजर्व किया गया है। सोमवार को ही एमसीडी ने इस बारे में सकरुलर जारी कर लोगों की हिदायत दी थी कि सामान्य मौत वाले शवों का यहां पर अंतिम संस्कार न किया जाए। ऐसे में यहां अंतिम संस्कार के लिए ज्यादा संख्या में शवों के पहुंचने से दिनों दिन हालात के भयावह होने का अंदाजा लगता है।