नई दिल्ली। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिले झटकों के बाद पार्टी ने संगठनात्मक सुधार और चुनावी प्रक्रिया पर गंभीरता से चर्चा करने के लिए कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक बुलाई। बैठक में पार्टी ने ईवीएम और चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर सवाल खड़े किए और इन मुद्दों पर देशव्यापी आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया।
संगठनात्मक सुधार पर जोर
बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संगठन में सुधार के लिए कठोर कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि गुटबाजी और अनुशासनहीनता पार्टी के प्रदर्शन को प्रभावित कर रही है। खरगे ने स्पष्ट किया कि अगर जरूरत पड़ी तो संगठनात्मक बदलाव के लिए “चाबुक चलाने” से भी पीछे नहीं हटेंगे। इस पर राहुल गांधी ने समर्थन करते हुए कहा, “खरगे जी, चाबुक चलाइए!”
Congress Working Committee ( #CWC ) meet starts at AICC headquarters, #Delhi pic.twitter.com/0ZWzZN2CqY
— Supriya Bhardwaj (@Supriya23bh) November 29, 2024
राहुल गांधी की अपील
राहुल गांधी ने बैठक में पार्टी नेताओं से हौसला बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह समय हार मानने का नहीं है। उन्होंने ईवीएम के साथ-साथ पूरी चुनावी व्यवस्था को संदेह के घेरे में बताया और चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाया। राहुल ने कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्षता से काम नहीं कर रहा है, और पार्टी को इसके खिलाफ मुखर होना होगा।
प्रियंका गांधी ने ईवीएम पर स्थिति स्पष्ट करने की बात कही
बैठक में प्रियंका गांधी ने पार्टी के ईवीएम बनाम बैलेट पर रुख को स्पष्ट करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस मुद्दे पर एक मजबूत और साफ संदेश देना चाहिए। हालांकि, पार्टी ने फिलहाल इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया है।
महाराष्ट्र में खराब प्रदर्शन पर चर्चा
बैठक के दौरान महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर भी मंथन हुआ। चुनाव में मिली हार ने पार्टी के संगठनात्मक ढांचे और रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बैठक के अंत में कांग्रेस ने ईवीएम और चुनावी प्रक्रिया पर उठ रहे सवालों को लेकर एक व्यापक देशव्यापी आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया। पार्टी का मानना है कि इन मुद्दों पर जनता को जागरूक करना बेहद जरूरी है।
खरगे का संदेश, अनुशासन ही संगठन की ताकत
मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक में कहा कि पार्टी को अनुशासन और एकजुटता के साथ काम करना होगा। उन्होंने सभी नेताओं को कड़े फैसलों के लिए तैयार रहने का संदेश दिया।