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West Bengal: रेडियोएक्टिव मैटेरियल कैलीफोर्नियम बेचने की कोशिश करते कोलकाता में दो गिरफ्तार

West Bengal: रेडियो एक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम का आविष्कार साल 1950 में हुआ था। यह 20 तरह का होता है। इसके 237 से लेकर 256 आइसोटोप्स होते हैं। कैलिफोर्नियम जिस आइसोटोप अथवा जिस प्रकार का होता है, उसके अनुसार ही प्रयोग होता है। यह दुनिया का दूसरा सबसे महंगा रेडियोएक्टिव पदार्थ है। इसका प्रयोग खदानों में सोने, ऑयल रिफाइनरी, चांदी और अन्य धातुओं की माइनिंग के लिए होता है।

कोलकाता। पुलिस ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से आज दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने रेडियोएक्टिव मैटेरियल कैलीफोर्नियम बरामद करने का दावा किया है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम शैलेन कर्मकार और अमित घोष हैं। पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपी हुगली जिले के निवासी हैं। बरामद कैलीफोर्नियम की कीमत करीब सवा 4000 करोड़ बताई जा रही है। पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है। पता लगाया जा रहा है कि कैलीफोर्नियम ये लोग कहां से लाए और इनसे ये रेडियोएक्टिव मैटेरियल खरीदने के लिए क्या किसी ने संपर्क किया था। बता दें कि कैलीफोर्नियम काफी रेडियोएक्टिव होता है। इससे परमाणु बम तो नहीं बनाया जा सकता, लेकिन विस्फोटक के साथ मिलाकर डर्टी बम जरूर बनाया जा सकता है। कैलीफोर्नियम काफी मुश्किल से मिलता है और लैब में बनता है। शैलेन और अमित को ये कैलीफोर्नियम कहां से मिला, इस बारे में पुलिस जानना चाहती है क्योंकि लैब से इसे बाहर निकालना आसान नहीं होता।

Arrest

रेडियो एक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम का आविष्कार साल 1950 में हुआ था। यह 20 तरह का होता है। इसके 237 से लेकर 256 आइसोटोप्स होते हैं। कैलिफोर्नियम जिस आइसोटोप अथवा जिस प्रकार का होता है, उसके अनुसार ही प्रयोग होता है। यह दुनिया का दूसरा सबसे महंगा रेडियोएक्टिव पदार्थ है। इसका प्रयोग खदानों में सोने, ऑयल रिफाइनरी, चांदी और अन्य धातुओं की माइनिंग के लिए होता है।

इसके अलावा दवा बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है। हालांकि, कोलकाता पुलिस जब बरामद कैलीफोर्नियम को लैब भेजेगी, तभी वहां से इसकी शुद्धता रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा कि पुलिस ने जो पदार्थ बरामद किया है, वह कितना शुद्ध है?