newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

वायुसेना में शामिल हुआ राफेल, बढ़ी ताकत, सुखोई के साथ मिलकर फ्लाईपास्ट में दिखाया दम

इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह( Rajnath Singh) ने राफेल(Rafale) विमान का इंडक्शन स्क्रॉल भारतीय वायु सेना के 17 स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह को दिया। इस दौरान मुख्य अति​थि फ्लोरेंस पार्ले भी मौजूद रहीं।

नई दिल्ली। गुरुवार को भारतीय वायुसेना(Indian Airforce) में लड़ाकू विमान राफेल(Rafale) औपचारिक रूप से शामिल कर लिया गया। इस मौके पर अंबाला में एक भव्य समारोह भी रखा गया, जिसमें देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली भी शामिल हुए। बता दें कि राफेल के वायुसेना में शामिल किए जाने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ गई है।

Rafale New Pic

भारतीय वायुसेना के बेड़े में राफेल लड़ाकू विमान की एंट्री पूरी प्रक्रिया के साथ हुई। शुरुआत में सर्वधर्म पूजा की गई, जिसके बाद फ्लाईपास्ट किया गया। इस दौरान तेजस, सुखोई समेत कई अन्य वायुसेना के विमानों ने एयर शो में हिस्सा लिया और अंच में वाटर कैनेन सैल्यूट के साथ राफेल लड़ाकू विमान को सलामी दी गई। वायुसेना में जब भी कोई नया लड़ाकू विमान शामिल होता है, तो इसी प्रक्रिया का पालन किया जाता है।

Rajnath Singh Rafale

इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, “वायुसेना में राफेल का शामिल होना एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण है। राफेल का भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होना भारत और फ्रांस के बीच के प्रगाढ़ संबंधों को भी दर्शाता है। भारत और फ्रांस लंबे समय से आर्थिक,सांस्कृतिक, राजनीतिक,रणनीतिक साझेदार रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि, “हमारे मित्र देश फ्रांस के साथ राफेल डील भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा में एक गेम चेंजर है। इसका लॉन्ग रेंज ऑपरेशन, अपने वजन के बराबर सामान और अतिरिक्त फ्यूल रखने की क्षमता और तेज स्पीड जैसी खूबियां इसे बेस्ट एयरक्राफ्ट में से एक बनाती हैं। आज राफेल का इंडक्शन पूरी दुनिया, खासकर हमारी संप्रभुता की ओर उठी निगाहों के लिए एक बड़ा और कड़ा संदेश है। हमारी सीमाओं पर जिस तरह का माहौल हाल के दिनों में बना या बनाया गया है उनके लिहाज से ये इंडक्शन बहुत ही अहम है।”

रक्षा मंत्री ने कहा कि, “रक्षा की मजबूती के पीछे हमारा उद्देश्य हमेशा से विश्व शांति की कामना रहा है और आज भी है। इस राह में हमारा देश कोई भी ऐसा कदम न उठाने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे कहीं भी शांति भंग हो। ये ही अपेक्षा हम अपने पड़ोसी और दुनिया के बाकी देशों से भी करते हैं।”

Rajnath Singh Rafale Airforce

बता दें कि इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल विमान का इंडक्शन स्क्रॉल भारतीय वायु सेना के 17 स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह को दिया। इस दौरान मुख्य अति​थि फ्लोरेंस पार्ले भी मौजूद रहीं।

दरअसल राफेल तो इसी साल जुलाई में ही भारत आ चुके थे लेकिन इसको औपचारिक रूप से वायुसेना में आज शामिल किया गया है। आपको बता दें कि फ्रांस से 29 जुलाई को पांच राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंचे थे, लेकिन आधिकारिक रूप से ये आज वायुसेना में शामिल हुए हैं। इस दौरान अंबाला के एयरबेस पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया भी मौजूद रहे। वायुसेना को फ्रांस से कुल 36 लड़ाकू विमान मिलने हैं, जिनकी पहली किस्त में पांच विमान मिले हैं।

वायुसेना में राफेल लड़ाकू विमान को गोल्डन एरो 17 स्कवाड्रन में शामिल किया जाएगा इसी स्क्वाड्रन ने कारगिल के युद्ध में पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए थे। ऐसे में अब एक बार फिर अंबाला एयरबेस पर इनकी मौजूदगी दुश्मन को हैरान कर सकती है। यहां राफेल की वायुसेना में एंट्री करने के समय को लेकर गौरतलब है कि चीन और पाकिस्तान के चल रहे तनाव के बीच राफेल की धमक पड़ोसी देशों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।

राफेल लड़ाकू विमान की एक खासियत ये है कि ये स्टार्ट होते ही ऊंचाई तक पहुंचने में अन्य विमानों से काफी आगे है। राफेल का रेट ऑफ क्लाइंब 300 मीटर प्रति सेकंड है, जो चीन-पाकिस्तान के विमानों को भी मात देता है। यानी राफेल एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर जा सकता है।

वहीं अगर लद्दाख के परिप्रेक्ष्य में देखें तो ये लड़ाकू विमान फिट बैठता है। राफेल ओमनी रोल लड़ाकू विमान है। पहाड़ी जगहों पर इसकी चपलता गजब की है। अगर पहाड़ो पर कम जगह हों और इसे उतरना हो तो ये विमान बेजोड़ है। इसे समुद्र में चलते हुए युद्धपोत पर उतार सकते हैं। इस विमान में तीन तरह की मिसाइल लगाई जा सकती हैं। हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल, हवा से जमीन में मार करने वाल स्कैल्प मिसाइल और हैमर मिसाइल।

Rafale Latest

ईंधन की खपत की बात करें तो राफेल में एक बार फ्यूल भरने पर लगातार 10 घंटे की उड़ान भरने की क्षमता रखता है। ये हवा में ही फ्यूल को भर सकता है, जमीन पर उतरने की जरूरत नहीं है, जैसा इसने फ्रांस से भारत आते हुए किया भी था। यही खूबी इसे अन्य लड़ाकू विमानों से काफी अलग करती है। इसके अलावा राफेल पर लगी गन एक मिनट में 2500 फायर करने में सक्षम है। राफेल में जितना तगड़ा रडार सिस्टम है, ये 100 किलोमीटर के दायरे में एकबार में एकसाथ 40 टारगेट की पहचान कर सकता है।