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राहुल नहीं पचा रहे चीनी अखबारों में मोदी की तारीफ, अब पूछा ये सवाल तो देखिए क्या मिला जवाब

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मोदी सरकार पर लगातार निशाना साधे जा रहे हैं। इसके अलावा राहुल गांधी इस बात से भी परेशान हैं कि आखिर इतने संघर्ष के बाद चीन पीएम मोदी की तारीफ क्यों कर रहा है?

नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा पर तनाव है, दोनों देशों के बीच LAC पर हुए हिंसक झड़प के बाद मोदी सरकार ने सेना को पूरी छूट दे दी है। हालांकि इसके बाद भी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मोदी सरकार पर लगातार निशाना साधे जा रहे हैं। इसके अलावा राहुल गांधी इस बात से भी परेशान हैं कि आखिर इतने संघर्ष के बाद चीन पीएम मोदी की तारीफ क्यों कर रहा है?

Rahul Gandhi

आपको बता दें कि राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में एक अंग्रेजी अखबार की खबर भी जोड़ी है जिसमें चीन द्वारा पीएम मोदी की तारीफ का जिक्र किया गया है। राहुल के इस ट्वीट पर लोगों ने उन्हें अपने तरीके से जवाब दिया…

कंगना नाम की एक यूजर ने लिखा कि, भारत के दुश्मन चीन जैसे देश नहीं बल्कि देश के अंदर ही पनप रहे हैं।

ट्विटर यूजर अनुभव ने लिखा कि..

anubhav

इसके अलावा देखिए किस तरह से लोगों ने अपने ट्वीट से जवाब दिए..

बता दें कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी इससे पहले भी चीन विवाद के मुद्दे पर मोदी सरकार पर सवाल उठा चुकी है। दरअसल 19 जून को पीएम मोदी ने चीन के मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में सभी दलों ने मोदी सरकार के साथ होने की बात कही थी। कांग्रेस ने भी चीन के मसले पर केंद्र सरकार के साथ होने का दावा किया था लेकिन इसके साथ ही मोदी सरकार के कुछ सवाल भी किए थे।

 

कांग्रेस के नेताओं ने उठाए थे सवाल

राहुल गांधी ने कहा था कि, ‘प्रधानमंत्री ने भारतीय क्षेत्र को चीन के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। अगर जमीन चीन की थी तो हमारे जवान क्यों मारे गए, उन्हें किस जगह मारा गया।’

priyanka gandhi

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हालिया बयानों के वीडियो शेयर करते हुए लिखा था कि, ‘‘राजा बोला रात है, रानी बोली रात है, मंत्री बोला रात है, संतरी बोला रात है, यह सुबह सुबह की बात है।’’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि, ‘अगर चीन के किसी भी सैनिक ने सीमा पार नहीं की थी तो 5 और 6 मई को क्यों झड़प हुई थी। वहीं 5 और 6 जून को कमांडरों की मीटिंग किस मुद्दे पर थी।’

pmo

पीएमओ का जवाब

इसको लेकर पीएमओ ने बयान में कहा था कि ‘जिस समय हमारे वीर सैनिक हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं ऐसे में प्रधानमंत्री की टिप्पणियों पर अनावश्यक विवाद पैदा किया जा रहा है। सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री की टिप्पणियां गलवान में 15 जून को हुई घटनाओं पर केंद्रित थी जिसमें 20 सैनिकों को जान गंवानी पड़ी। प्रधानमंत्री ने हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और देशभक्ति के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने वहां मौजूद चीनी दावों को खारिज कर दिया। प्रधानमंत्री की टिप्पणी इस संदर्भ में थी कि हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी के बाद एलएसी पर हमारी सीमा के भीतर कोई चीनी मौजूदगी नहीं थी।’