नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है जिसके बाद पार्टी के अंदर घमासान मच सकता है। इस बार राहुल गांधी ने अपनी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (late PM Indira Gandhi) द्वारा आपातकाल लगाए जाने पर बड़ा बयान दिया है। दरअसल मंगलवार को राहुल गांधी कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के एक वर्चुअल प्रोग्राम में शामिल हुए। इस दौरान राहुल गांधी ने पार्टी में जारी कलह को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। साल 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के सवाल पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हां, वो गलती थी, लेकिन तब जो हुआ और आज जो हो रहा, उसमें फर्क है। अपनी गलती मान लेना साहस का काम होता है। उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कौशिक बसु (Prof Kaushik Basu) के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत में यह बात कही।
#WATCH “There’s fundamental difference b/w what happened in Emergency,which was wrong&what’s happening now. Congress,at no point,attempted to capture India’s institutional framework. Our design doesn’t allow us that. Even if we want to do it,we can’t,” said Rahul Gandhi yesterday pic.twitter.com/V4iom35XGh
— ANI (@ANI) March 3, 2021
इस दौरान कांग्रेस में मचे कलह पर राहुल गांधी का दर्द भी सामने आया। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी में अंदरुनी लोकतंत्र को बढ़ावा देने की बात कई सालों से कर रहा हूं। इसके लिए मेरी ही पार्टी के लोगों ने मेरी आलोचना की थी। मैंने अपनी पार्टी के लोगों से कहा कि पार्टी में अंदरुनी लोकतंत्र लाना निश्चित तौर पर जरूरी है।
मैं कांग्रेस पार्टी में अंदरुनी लोकतंत्र को बढ़ावा देने की बात कई सालों से कर रहा हूं। इसके लिए मेरी ही पार्टी के लोगों ने मेरी आलोचना की थी। मैंने अपनी पार्टी के लोगों से कहा कि पार्टी में अंदरुनी लोकतंत्र लाना निश्चित तौर पर ज़रूरी है। यह मेरा आपसे सवाल है: राहुल गांधी pic.twitter.com/UPe4UXdHkE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 2, 2021
राहुल गांधी ने आगे कहा कि मैं एक दशक से कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र का पक्षधर रहा हूं। मैंने युवा और छात्र संगठन में चुनाव को बढ़ावा दिया है। मैं पहला व्यक्ति हूं, जिसने पार्टी में लोकतांत्रिक चुनावों को महत्वपूर्ण माना है। हमारे लिए कांग्रेस का मतलब आजादी के लिए लड़ने वाली संस्था, जिसने भारत को संविधान दिया है। हमारे लिए लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं बरकरार रखना महत्वपूर्ण है।