कोरोना के बीच सुरक्षित यात्रा का ले पाएंगे आनंद, रेलवे ने तैयार किए पोस्ट कोविड कोच, जानें खासियत
रेलवे के मुताबिक, ऐसे पोस्ट कोविड कोच बनाने में लगभग 6-7 लाख रुपये का खर्च आता है और योजना के तहत इस प्रकार का बदलाव बड़े स्तर पर रेल कोच में किया जाएगा।
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए भारतीय रेलवे ने पोस्ट कोविड कोच तैयार किया है। ये कोच कपूरथला की रेल फैक्ट्री में बनाए गए हैं। पोस्ट कोविड कोच में कॉपर कोटेड हैंडल, प्लाज्मा एयर प्यूरिफायर व टाइटेनियम डाई ऑक्साइड कोटिंग वाली सीटों के साथ ही पैरों से संचालित होने वाली विभिन्न सुविधाएं दी गई हैं।
इस कोच की खासियत की बात करें तो कपूरथला स्थित रेल फैक्ट्री ने कोरोना से बचाव के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस कोच डिजाइन किया है। कोच में हाथों से छुए बिना ही पानी और साबुन का इस्तेमाल की सुविधा उपलब्ध होगी, जो पैरों से संचालित होंगे। इसके अलावा कॉपर कोटेड हैंडल, प्लाज्मा एयर प्यूरिफायर टाइटेनियम डाई ऑक्साइड कोटिंग वाले मैटेरियल से बने सीटों का इस्तेमाल किया गया है।
नए डिजाइन में ध्यान रखा गया है कि कम से कम हाथ लगाने की जरूरत हो। कोच में पैरों के दबाव से कई वस्तुओं का उपयोग किया जा सकता है। वॉश बेसिन को भी फुट ऑपरेटेड यानी पैरों से संचालित किया जा सकेगा। रेलवे के नए कोच में वॉश रूम में टॉयलेट के पास पैरों से चलने वाला फ्लश लगाया गया है। इसी तरह टॉयलेट में दाखिल या बाहर जाने के लिए दरवाजे हाथ से खोलने के बजाए आप पैरों के जरिए दरवाजे खोल सकते हैं।
इन कोच में हैंडल पर तांबे की परत चढ़ाई गई है। ताकि बैक्टीरिया और वायरस से बचाव हो सके। तांबा किसी भी बैक्टीरिया को खत्म करने में बेहद प्रभावी भूमिका निभाता है। कोच में प्लाज्मा एयर प्यूरिफायर का बंदोबस्त किया गया है, ताकि साफ हवा यात्रियों को मिल सके और प्लाज्मा के जरिए कोच लगातार सैनिटाइज भी होता रहेगा। इसके अलावा कोच में टाइटेनियम डाई ऑक्साइड की कोटिंग होगी। यात्रियों को वायरस से सुरक्षित रखने के मकसद से दरवाजे, हैंडल, टॉयलेट सीट, शीशे की खिड़की, कप होल्डर वगैरह पर टाइटेनियम डाई ऑक्साइड की कोटिंग की गई है। टाइटेनियम डाई ऑक्साइड कोटिंग वायरस या बैक्टीरिया दोष को खत्म करता है और एयर क्वालिटी को भी बेहतर बनाता है।
Future Ready Railway: Designed to fight Coronavirus, Railways creates 1st ‘Post COVID Coach’ with:
▪️Handsfree amenities
▪️Copper-coated handrails & latches
▪️Plasma air purification
▪️Titanium di-oxide coatingFor COVID-Free passenger journey!
Details: https://t.co/VAVDu6lDST pic.twitter.com/yWakrxt4s2
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 14, 2020
रेलवे के मुताबिक, ऐसे पोस्ट कोविड कोच बनाने में लगभग 6-7 लाख रुपये का खर्च आता है और योजना के तहत इस प्रकार का बदलाव बड़े स्तर पर रेल कोच में किया जाएगा। इन बदलावों के साथ नए किस्म के रेल कोच लाए जा रहे हैं, ताकि कोरोना काल के बाद भी आपकी रेल यात्रा सुरक्षित और संक्रमण रहित हो।