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UP के बाद अब गहलोत के राजस्थान में बनेगा ‘लव जिहाद’ कानून? धर्मांतरण के खिलाफ उठने लगी मांग

Rajasthan: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बाद अब दूसरे राज्यों में ‘लव जिहाद’ कानून बनाने की मांग तेजी से उठने लगी है। इसी कड़ी में अब राजस्थान (Rajasthan) में लव जिहाद के विरुद्ध कानून बनाने की मांग की जा रही है।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बाद अब दूसरे राज्यों में ‘लव जिहाद’ कानून बनाने की मांग तेजी से उठने लगी है। इसी कड़ी में अब राजस्थान (Rajasthan) में लव जिहाद के विरुद्ध कानून बनाने की मांग की जा रही है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार से लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की मांग की है। बता दें कि हाल ही में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ( Yogi Adityanath Govt) ने अपने वादे पर खरे उतरते हुए लव जिहाद (Love jihad) पर हथौड़ा चलाया था। मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में हुई यूपी कैबिनेट की बैठक में शादी के लिए अवैध धर्मांतरण रोधी कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। जिसके बाद उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधि विरूद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे दी थी।

Love Jihad

इसी के तहत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने ट्विटर पर भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के नेतृत्व में ‘लव जिहाद’ के खिलाफ अभियान की शुरूआत की। सतीश पूनिया ने ट्वीट कर लिखा, मैं ‘लव जिहाद’ पर भारतीय जनता युवा मोर्चा की मुहिम का समर्थन करता हूं एवं इस अभिनव पहल का आज आगाज भी करता हूं। मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री से निवेदन करता हूं कि वह भी उत्तर प्रदेश सरकार की तरह कानून बनाएं ताकि प्रदेश की महिलाओं को जबरन धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़े।

Satish Poonia

साथ ही उन्होंने एक वीडियो संदेश भी जारी किया है। पूनिया ने कहा, ‘भारत एक अनूठा देश है जहां सभी धर्मों, पंथों और संप्रदायों के लोगों को अपने तरीके से भगवान की प्रार्थना करने की अनुमति है और हर लोग भारत को ‘भारत माता’ कहकर पूजते हैं। लेकिन हम सभी जानते हैं कि आतंकवाद पूरी दुनिया के सामने एक चुनौती है। ‘लव जिहाद’ इसका एक हिस्सा है।’

जानिए, ‘लव-जिहाद’ कानून की विशेषताएं:-

-धोखे से धर्म बदलवाने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान। इसके अलावा धर्म परिवर्तन के लिए जिलाधिकारी को 2 महीने पहले सूचना भी देनी होगी।

-धर्म परिवर्तन के लिए 15000 रुपये जुर्माने के साथ 1 से 5 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान।

-एस-एसटी समुदाय की नाबालिग लड़कियों या महिलाओं के साथ ऐसी घटना होने पर 25000 रुपये जुर्माने के साथ 3 से 10 साल की सजा भुगतनी होगी।

-सामूहिक धर्म परिवर्तन का संचालन करने वाले संगठनों पर 50,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 वर्ष की जेल अवधि है।