गहलोत ने विधायकों को पत्र लिखा, ‘सच्चाई के साथ खड़े रहने की अपील की’
गहलोत ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोनावायरस महामारी के दौरान कुछ विपक्षी सांसदों के साथ कांग्रेस के कुछ विधायक हमारी चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की साजिश में लगे हुए थे, जोकि काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 14 अगस्त से शुरू होने वाले राजस्थान विधानसभा के सत्र से पहले रविवार को सभी विधायकों को पत्र लिखकर उनसे लोकतंत्र की रक्षा के लिए लोगों की आवाज सुनने और सच्चाई के साथ खड़े होने की अपील की। मुख्यमंत्री ने विधायकों से राज्य के विकास और समृद्धि के वादों को पूरा करने में सहयोग करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “जीत और हार चुनाव का हिस्सा है। एक नेता के रूप में आपको लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि आप सच्चाई के साथ खड़े रहेंगे। लोगों का जनादेश सबसे ऊपर होता है। आपको लोगों से किए गए वादों को पूरा करने में सहयोग करना चाहिए। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अटलजी जैसे नेताओं को भी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, उन्होंने लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों को कभी कमजोर नहीं होने दिया।”
My appeal to all MLAs is that to save democracy, to maintain people’s confidence in us and to avoid wrong traditions, you should listen to the voice of the people: Rajasthan CM Ashok Gehlot pic.twitter.com/dKhDflIkje
— ANI (@ANI) August 9, 2020
गहलोत ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोनावायरस महामारी के दौरान कुछ विपक्षी सांसदों के साथ कांग्रेस के कुछ विधायक हमारी चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की साजिश में लगे हुए थे, जोकि काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। गहलोत ने याद किया कि सन 1993-96 में भाजपा नेता भैरों सिंह शेखावत के नेतृत्व में राज्य सरकार को गिराने और विधायकों को खरीदने और बेचने का प्रयास किया गया था।
उन्होंने कहा, “उस समय केंद्रीय राज्य मंत्री और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में मैं तत्कालीन राज्यपाल बलिराम भगत और प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव से मिला था और निर्वाचित सरकार को गिराने के विचार का विरोध किया था, और कहा था कि यह हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। यहां तक राजस्थान के लोग भी नहीं चाहते थे कि यहां ऐसी परंपरा स्थापित हो।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में सभी मानदंडों का पालन करते हुए बहुजन समाज पार्टी के छह विधायक कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्होंने एक स्थिर सरकार बनाने और कानून के दायरे में अपने संबंधित क्षेत्रों में विकास कार्य सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस विधायक दल के अपने पार्टी में शामिल करने का फैसला लिया। उन्होंने पत्र के आखिर में कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सभी विधायक सच्चाई के साथ खड़े रहेंगे और राज्य के विकास और समृद्धि के लिए काम करेंगे।