राजस्थान में करप्शन चरम पर, गरीबों का अनाज डकार गए धन्नासेठ और सरकारी कर्माचारी, सरकार रह गई सोई
Scam in Food Security Scheme : राजस्थान में भ्रष्टाचार चरम पर है। इसकी बानगी उस वक्त देखने को मिली, जब जरूरतमंद को राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराये जाने वाले राशन (Ration) को ही कई सरकारी कर्मचारियों और अमीरों ने डकार लिया।
नई दिल्ली। राजस्थान में भ्रष्टाचार चरम पर है। इसकी बानगी उस वक्त देखने को मिली, जब जरूरतमंद को राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराये जाने वाले राशन (Ration) को ही कई सरकारी कर्मचारियों और अमीरों ने डकार लिया। वे खाद्य सुरक्षा योजना (Food security scheme) में सेंधमारी कर गरीबों के हिस्सों का राशन डकार गये हैं लेकिन राजस्थान की गहलोत सरकार इस मामले पर सोई ही रही। इससे पता चलता है कि राजस्थान में सीएम गहलोत भ्रष्टाचार पर नकेल कसने पर विफल है। हालांकि मामले को बढ़ता देख सूबे की सरकार की नींद खुली है और अब इस मामले पर अब कार्रवाई की जा रही है।
इस कड़ी में अब आधार और पैन कार्ड के मिलान में गरीबों के हक पर डाका डालने वाले शिकंजे में आए हैं। अब सरकार उनसे रिकवरी करने में जुट गई है। प्रदेशभर में 17 हजार से ज्यादा ऐसे सरकारी कर्मचारी सामने आए हैं जो काफी समय से सस्ता राशन और गेहूं ले रहे थे।
राज्य सरकार अब अपात्र होने के बावजूद सस्ता राशन या सरकारी सहायता लेने वाले लोगों से पैसा वसूल करेगी। किसी ने तथ्य छिपाकर योजना का लाभ ले लिया और पैसा उठा लिया तो सरकार उसकी भी रिकवरी करेगी। ऐसे लोगों को यह पैसा वापस सरकारी खजाने में जमा करवाना होगा।
वहीं दूसरी ओर खाद्य सुरक्षा योजना के साथ ही किसान सम्मान निधि योजना में इस तरह का बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। दोनों ही योजनाओं में रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इस मामले में कई कर्मचारियों को तो 30 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक की रिकवरी के नोटिस थमाये गये हैं।
राज्य सरकार के अनुसार, प्रदेश में खाद्य सुरक्षा योजना में बड़ी संख्या में अमीर और आयकर देने वालों तथा सरकारी कर्मचारियों ने भी सस्ता गेहूं उठा लिया. इस योजना में महज 2 रुपए किलो में राशन का गेहूं उपलब्ध कराया जाता है. सरकार ने जब आधार और पैन कार्ड से डेटा का मिलान किया तो गड़बड़ी पकड़ में आ गई