नई दिल्ली। राजस्थान के एक कॉलेज में छात्रों द्वारा नमाज पढ़ने का अन्य छात्रों ने विरोध कर प्रोफेसर से भजन कीर्तन करने की मांग की है। छात्रों ने कहा कि अगर कॉलेज में नमाज पढ़ने की इजाजत दी जा सकती है, तो हमें भजन कीर्तन करने की क्यों नहीं। हालांकि, कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों ने प्रोफेसर से कहा कि इससे विधार्थियों की पढ़ाई में खलल पैदा होता है। कॉलेज शिक्षा ग्रहण करने का स्थान होता है। हम यहां ज्ञानार्जन करते हैं न की अपनी धार्मिक गतिविधियों को संपन्न करते हैं। मजहबी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हमारे लिए अन्य स्थान निर्धारित किए गए हैं। यह पूरा विवाद विगत शुक्रवार को देखने को मिला था, लेकिन देखते ही देखते अब यह पूरा मामला राजनीतिक रंग में घुल चुका है।
बता दें कि इस पूरे मसले को लेकर छात्र संगठनों के बीच वाकयुद्ध छिड़ चुका है। एनएसयूआई और एबीवीपी इस मसले को लेकर आपस में भिड़ चुके हैं। इन दोनों ही संगठनों ने आज इस मसले को लेकर कॉलेज में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। जहां एक तरफ एनएसयूआई ने कॉलेज में नमाज पढ़ने के पक्ष में विरोध करने का ऐलान किया है, तो वहीं एबवीपीआई ने नमाज के विरोध में आंदोलन करने का ऐलान किया है। छात्र संगठन के ये दोनों ही गुटों का यह आंदोलन आज काफी चर्चा में रहेगा।
कॉलेज कैंपस में नमाज पढ़ने के मामले को लेकर जयपुर के राजस्थान कॉलेज में हंगामा
ABVP ने विरोध करते हुए कॉलेज में पढ़ी हनुमान चालीसा
#Rajasthan #ABVP @kj_srivatsan pic.twitter.com/QxA9itu5jE
— News24 (@news24tvchannel) November 15, 2021
वहीं, विवाद का विषय मजहबी है, तो कॉलेज प्रशासन किसी भी प्रकार की कोताही बरतने से गुरेज कर रहा है, लिहाजा कॉलेज परिसर समेत उसके आसपास के इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है, ताकि हर मसले की हर तरह यह मसला भी गंभीर रुख अख्तियार कर स्थिति को तनावपूर्ण न कर दे। फिलहाल हालात काबू में हैं। हालांकि, विवाद के शुरूआत में ऐसा लगा था कि हालात गंभीर हो सकते हैं, क्योंकि नमाज पढ़ने को लेकर छिड़े विवाद को लेकर कुछेक छात्र प्रोफेसर से भी भिड़ते हुए दिखे थे। ऐसे में कॉलेज प्रशासन को स्थिति की गंभीरता का अंदाजा हो चुका था। लिहाजा स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए भारी संख्या में कॉलेज परिसर में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है। कॉलेज में प्रशासन भी छात्रों को बेवजह के विवादों में न उलझने की हिदायत दे चुके हैं। लेकिन छात्रों के रूख को देखकर प्रतीत होता है कि हालात संजीदा हो सकतें हैं। अब ऐसे मे देखना होगा कि आगे चलकर यह पूरा माजरा क्या रूख अख्तियार करता है।