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कहीं फिर न मच जाए बवाल..! राकेश टिकैत ने कर दिया है ऐसा ऐलान…CM योगी को भी कहा–तैयारी कर लें

Farmer Protest: कुछ ऐसा ही इस बार भी हुआ है, लेकिन इस बार रिकैश टिकैत पूरे आत्मविश्वास के साथ सरकार को यह विश्वास दिला रहे हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं होगा लिहाजा कोई चिंता करने की जरूरत नहीं होगी, लेकिन अगर आपको याद हो, तो आज तकरीबन वर्ष पहले ट्रैक्टर रैली आयोजित होने से पहले भी राकेश टिकैत के कुछ ऐसे ही बोल थे।

नई दिल्ली। तकरीबन एक वर्ष से किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान युनियन के प्रमुख राकेश टिकैत के ऐलानों से आजकल सियासी बवाल मचा हुआ है। जैसे ही वे कोई ऐलान करते हैं, तो सरकार के कान खड़े हो जाते हैं, तो वहीं मीडिया में सुर्खियां बनना शुरू हो जाती है। आखिर हो भी क्यों न..! पिछले एक वर्ष के दौरान हुई घटनाकओं की गुत्थियां इस बात का जीता जागता उदारहण है कि जब कभी-भी वे ऐलान करते हैं तो बवाल मचता है…वो भी ऐतिहासिक…26 जनवरी को जो हुआ…वो तो आपको याद ही होगा…कैसे किसानों ने ट्रैक्टर परेड के नाम पर देश की अस्मिता के प्रतीक माने वाले जाने लाल किले पर किसी धर्म  विशेष का पताका फहराया था। कैसे सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाया गया। कैसे देश को वैश्विक स्तर पर शर्मशार किया गया। यह सब कुछ होने से पहले भी उन्होंने ऐलान ही किया था। यह सब कुछ उन्हीं के ऐलान की तो नतीजा था। अब ऐसे में तो दूध का जला तो छाछ भी फूंक–फूंक ही पिएगा न…तो बात बिल्कुल सरल और स्पष्ट है कि यह सब कुछ होने के बाद राकेश टिकैत अब जब कोई भी ऐलान करते हैं, तो सरकारें अपनी तरफ से खुद के हित के लिए सारी तैयारियों को सिरे चढ़ा लेती हैं।

कुछ ऐसा ही इस बार भी हुआ है, लेकिन इस बार रिकैश टिकैत पूरे आत्मविश्वास के साथ सरकार को यह विश्वास दिला रहे हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं होगा लिहाजा कोई चिंता करने की जरूरत नहीं होगी, लेकिन अगर आपको याद हो, तो आज से तकरीबन वर्ष पहले ट्रैक्टर रैली आयोजित होने से पहले भी राकेश टिकैत के कुछ ऐसे ही बोल थे। खैर, अब उन बातों को छोड़िए। अब देखना यह होगा कि वे अपने वक्तव्यों पर कितना खरे उतर पाते हैं, क्योंकि उन्होंने एक बार फिर से आगामी 29 नवंबर को किसानों की टोली संग राजधानी लखनऊ जाने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि हम  सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए 500 किसानों संग राजधानी लखनऊ की तरफ रवाना होंगे। वहां पर किसानों की महापंचायत आयोजित की जाएगी। जिसमें आंदोलन को लेकर आगे की रूपरेखा पर विचार किया जाएगा। यह महापंचायत इको गार्डन में आयोजित किया जाएगा।

माना जा रहा है कि इसमें भारी संख्या में प्रदेश के किसान भी सम्मलित होंगे। वहीं पूर्व की स्थितियों से सबक लेते हुए सरकार अपनी तरफ से सारी तैयारियों को मुकम्मल कर लेना चाह रही है, ताकि आगे चलकर कोई गंभीर परिणाम न देखने पड़ जाए। हालांकि, टिकैत ने अपनी तरफ से सरकार को निश्चिंत रहने के निर्देश दे दिए हैं, लेकिन सरकार इस बार कोई भी गंभीर नतीजों से नहीं जुझना चाहती है। बता दें कि लखनऊ में महापंचायत आयोजित करने के बाद तकरीबन 500 किसान सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए राजधानी स्थित संसद की ओर रुख करेंगे, ताकि केंद्र सरकार तक अपनी बात पहुंचा सकें।वहीं,  भाकियू नेता ने किसान आंदोलन के इतर जिन्ना वाले बयान में पर कहा कि पांच साल में इस तरह के चुनावीजीवी आते हैं जो जिन्ना, जाति और धर्म में लोगों को उलझाते हैं। इनसे बचकर रहने की जरुरत है। ऐसे लोग पांच साल में उड़ना सीख जाते हैं। उधर, प्रदेश में आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए अब इस आंदोलन को चुनावी चश्मे सेभी देखा जा रहा है।