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Ram Mandir: जमीन विवाद पर राम मंदिर ट्रस्ट ने मीडिया के सामने रखी स्थिति, घोटाले के आरोप को बताया निराधार

Ram Mandir: इस पूरे मामले पर आज राम जन्मभूमि ट्रस्ट के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया। इस कांफ्रेंस के जरिए ट्रस्ट ने उन सभी आरोपों का क्रमवार जवाब दिया। राम जन्मभूमि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने कहा कि राम मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन में किसी भी तरह का कोई घोटाला नहीं हुआ है, ऐसे में लगाए गए सारे आरोप निराधार है.।

नई दिल्ली। अयोध्या में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा भव्य राम मंदिर निर्माण का काम तेजी से जारी है। सैटेलाइट के जरिए जारी किए गए ताजा इमेज से भी साफ पता चलता है कि इस मंदिर के निर्माण कार्य की गति कितनी तेज है। इस सब के बीच राम मंदिर के आसपास की जमीन को भी ट्रस्ट द्वारा खरीदा जा रहा है ताकि दुनिया भर से आ रहे श्रद्धालुओ को तीर्थ क्षेत्र में किसी तरह की कठिनाई का सामना ना करना पड़े। मंदिर की भव्यता के साथ-साथ आसपास के इलाके में भी सभी संभव सुविधाएं श्रद्धालुओं को मुहैया कराया जा सके। लेकिन समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी की तरफ से इस मंदिर के निर्माण के लिए खरीदी जा रही ट्रस्ट द्वारा जमीन में घोटाले का आरोप लगाया गया है। जिसकी क्रमवार सफाई मंदिर ट्रस्ट की तरफ से दी गई है। एक बार फिर इस मामले पर मंदिर ट्रस्ट ने सबूतों के साथ सफाई दी है और टआस्ट पर लगाए गए जमीन खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप को निराधार बताया है।

इस पूरे मामले पर आज राम जन्मभूमि ट्रस्ट के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया। इस कांफ्रेंस के जरिए ट्रस्ट ने उन सभी आरोपों का क्रमवार जवाब दिया। राम जन्मभूमि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने कहा कि राम मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन में किसी भी तरह का कोई घोटाला नहीं हुआ है, ऐसे में लगाए गए सारे आरोप निराधार है।

ट्रस्ट ने जमीन खरीद में किसी भी तरह के घोटाले से किया इनकार

ram mandir FI

ट्रस्ट की तरफ से कहा गया कि जमीन सौदे को लेकर कुछ नेताओं और धर्माचार्यों ने आपत्ति जताई है। दावा है कि घोटाला हुआ है। इन आरोपों पर जनता के मन में भ्रम फैला। इसके साथ ही कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने कहा कि पूरे 3 दिनों तक मैंने यहां इन आरोपों की जांच की। सीए, लेखपाल और वकीलों के साथ मिलकर हर दस्तावेज को जांचा गया। कही किसी तरह की अनियमितता खरीद में नजर नहीं आई।

गोविंद देव गिरी बोले खरीदी गई जमीन से सस्ते में और जमीन मिलेगी तो हम खरीद लेंगे

ram mandir New model picture

गोविंद देव गिरी ने दावा किया कि जमीन के सौदे में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं मिली है और जो आरोप लगाए गए वो गलत हैं। सौदे में सभी लेनदेन बैंक के जरिए हुए, मार्केट रेट से सस्ते में जमीन खरीदी गई है। गोविंद देव गिरी ने कहा कि अगर इससे सस्ते में कोई जमीन देने को तैयार है तो हम उससे भी खरीद लेंगे।

सैटेलाइट तस्वीरों में आ रहा साफ नजर, कितने भव्य तरीके से हो रहा है राम मंदिर का निर्माण कार्य

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या में राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) का निर्माण पूरे जोर-शोर के साथ चल रहा है। बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अगुवाई में रामनगरी अयोध्या के विकास को लेकर समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भाग लिया और अयोध्या विकास योजना की समीक्षा की थी। बैठक में पीएम मोदी के अलावा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) भी शामिल हुए थे। गौरतलब है कि बीते साल अगस्त के महीने में अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का पीएम मोदी ने भूमि पूजन किया था। इसके अलावा पीएम मोदी समय-समय पर अयोध्या में निर्माण और विकास कार्यों की जानकारी भी लेते रहते हैं।

राम मंदिर का निर्माण का तेजी से चल रहा है। इसकी ताजा सैटेलाइट की तस्वीरों से देखा जा सकता है। सैटेलाइट तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि राम मंदिर का काम लगातार तेजी से चल रहा है। मंदिर स्थल पर अभी नींव का काम चल रहा है, जो अब अपना आकार लेती हुई दिख रही है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा जानकारी दी गई है कि ट्रस्ट लगातार मंदिर के निर्माण कार्य पर नज़र बनाए हुए है।

तीव्र गति से चल रहे राम मंदिर निर्माण की तस्वीरें आई सामने

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इसे समय से पूरा करने के लिए लगातार बैठकें होती रहती हैं। इन बैठकों के जरिए राम मंदिर निर्माण कार्य में तेजी लाने की योजनाओं पर काम किया जाता है। राम मंदिर निर्माण को लेकर सरकार का दावा है कि भव्य राम मंदिर 2024 में बनकर तैयार हो जाएगा। राम मंदिर निर्माण कार्य में आई तेज गति की गवाह वहां से आ रही तस्वीरें है जिसे देखकर आप हैरान हो जाएंगे। इतने भव्य मंदिर के निर्माण के लिए बेहद ही तेज गति से काम चल रहा है। साथ ही राम मंदिर के आसपास के परिसरों को तैयार करने के लिए भी जमीन की खरीददारी से लेकर अन्य सभी तरह की योजनाओं पर चरणबद्ध तरीके से काम जारी है।

ram mandir FI

कोरोना काल में भी अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य तेजी के साथ चल रहा है। रामजन्म भूमि ट्रस्ट के सचिव चंपत राय की मानें तो मंदिर निर्माण कार्य 24 घंटे चल रहा है और तीव्र गति से चल रहा है। इस दौरान कोरोनावायरस को देखते हुए प्रोटोकॉल का भी ख्याल रखा जा रहा है। निर्माण कार्य की गति को तेज करने के लिए 12–12 घंटे के शिफ्ट में कार्य हो रहा है। मंदिर निर्माण के लिए 400 फीट लंबा 300 फीट चौड़ा लगभग 50 फीट गहरे क्षेत्र से मलबा हटाया गया है। मंदिर की बुनियाद भरने का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है। वहीं 1 फीट मोटी लेयर बिछाने में और रोलर से कंपैक्ट करने में 4 से 5 दिन का समय लग रहा है। नींव भराई का काम अक्टूबर माह तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।

इस निर्माण कार्य के दूसरे चरण की शुरुआत दिसंबर में होगी। ट्रस्ट की तरफ से कहा गया है कि, दिसंबर में कार्य के दौरान मंदिर का ढांचा खड़ा करने के लिए पत्थर लगाने का कार्य किया जाएगा।


1300 वर्ग मीटर के क्षेत्र में होगा राम मंदिर का निर्माण

अयोध्या विकास प्राधिकरण (Ayodhya Development Authority) ने राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण  के लिए नक्शे को  सर्वसम्मति से पास कर दिया। इस संबंध में बोर्ड की बैठक प्राधिकरण सभाकक्ष कमिश्नर एम.पी. अग्रवाल की अध्यक्षता में की गई, जिसमें श्रीराम मंदिर निर्माण के मानचित्र को प्राधिकरण बोर्ड से मंजूरी मिल गई। अयोध्या विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एमपी अग्रवाल ने बोर्ड मीटिंग के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janambhoomi Teerth Kshetra Trust) ने दो तरह के नक्शे प्रस्तुत किए। पहला नक्शा लेआउट का था जो 2 लाख 74 हजार 110 वर्ग मीटर था। दूसरा श्रीराम मंदिर का नक्शा था, जिसका कुल कवर्ड एरिया 12,879 वर्ग मीटर है। दोनों नक्शों को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। इनका कुल शुल्क जोड़ने के बाद दोनों नक्शे ट्रस्ट को सौंप दिए जाएंगे।

Ayodhya ram

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 2 लाख 74 हजार 110 वर्ग मीटर का मानचित्र दाखिल किया है। इसमें ओपन एरिया 2,74,110 वर्ग मीटर और कवर्ड एरिया 12,879 वर्ग मीटर है। ट्रस्ट को विकास शुल्क के साथ-साथ अनुरक्षण शुल्क पर्यवेक्षण व लेबर सेस भी देना होगा। ट्रस्ट को 2 करोड़ 11 लाख रुपए प्रधिकरण को देना है। इसके अलावा 15 लाख रुपए लेबर डिपार्टमेंट को देना है।