पटना। बिहार को आरबीआई ने ऋण चुकाने के लिए एक हजार करोड़ रुपये भुगतान की अनुमति दी है। सरकार का मानना है कि आरबीआई भुगतान की अनुमति नहीं देती तो सरकार को अपने राज्यकोष से यह राशि देनी पड़ती। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को यहां बताया कि लोक ऋण के इस वर्ष की पहली किस्त चुकाने की अंतिम तिथि 27 अप्रैल को आरबीआई ने सिंकिंग फंड की ब्याज राशि 1,942़ 90 करोड़ रुपये में से एक हजार करोड़ रुपये के प्रयोग की अनुमति दे दी है।
उन्होंने कहा, “अगर आरबीआई भुगतान की अनुमति नहीं देता तो सरकार को अपने राज्यकोष से यह राशि देनी पड़ती। अब सरकार आने वाले दिनों में इतनी राशि अन्य विकास कार्यो पर खर्च कर सकेगी।”
मोदी ने कहा कि 2009 में सिंकिंग फंड के गठन के बाद राज्य सरकार पहली बार इसकी ब्याज राशि का उपयोग लोक ऋण की किस्त चुकाने के लिए कर रही है।
बिहार के वित्त मंत्री मोदी ने कहा, “विभिन्न किस्तों में इस साल ऋण के तौर पर कुल 7,035 करोड़ रुपये चुकाना है। राज्य के सिंकिंग फंड में 7,683़02 करोड़ जमा है, जिसमें मूलधन 5740़12 करोड़ व उसकी ब्याज राशि 1,942़ 90 करोड़ रुपये है।”
उल्लेखनीय है कि इस साल की कुल ऋण राशि 7,035 करोड़ रुपये को सरकार ने सिंकिंग फंड की जमा राशि से भुगतान करने का निर्णय लिया है। फिलहाल पहली किस्त के तौर पर आरबीआई ने करीब एक हजार करोड़ की अनुमति दी है।
मोदी ने कहा, “पिछले वर्ष की आर्थिक सुस्ती व 24 मार्च से जारी लॉकडाउन के दौर में नगण्य राजस्व संग्रह के कारण राज्य सरकार को यह कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ा है। सिंकिंग फंड में प्रतिवर्ष लोकऋण व अन्य बकाया दायित्व के ़5 प्रतिशत की राशि निवेश किया जाता है।”