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UP: सवा चार साल में राज्य में मिली साढ़े चार लाख नौकरियां, एक भी न्यायालय में नहीं अटकीं: सीएम योगी

Jobs in UP: पीसीएस सेवा को आईएएस की रीढ़ बताते हुए सीएम ने कहा है कि अब जबकि उनका चयन योग्यता, क्षमता और मेरिट के आधार पर शुचितापूर्ण और पारदर्शी रीति से हुआ है तो सेवाकाल में इसी भावना के साथ काम करने की अपेक्षा भी है।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते सवा चार साल में साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिलने पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा है कि 2017 से पहले चयन आयोग और बोर्ड भ्रष्टाचार के अड्डे हुआ करते थे। सरकारी नौकरियों की प्रक्रिया कलंकित थी। जातिवाद, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार इस कदर हावी था कि न्यायालय को जांच करानी पड़ी। युवाओं के हितों पर कुठाराघात होता था, युवा कुंठित थे। लेकिन आज अपने पराए का भेद नहीं है। आयोगों की जड़ता, पक्षधरता और अराजकता की नीति से उत्तर प्रदेश मुक्त हो चुका है। हम साढ़े 04 लाख से ऊपर नियुक्ति पत्र दे चुके हैं और कोई भी भर्ती न्यायालय में लंबित नही है। यूपी में अब योग्यता, प्रतिभा और मेरिट का सम्मान है। सीएम योगी, मंगलवार को लोकभवन में आयोजित पीसीएस 2019 में डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान कर रहे थे।उपजिलाधिकारी पद पर चयनित 51 युवाओं से मुखातिब सीएम ने सभी को देश के सबसे बड़े राज्य की सबसे बड़ी प्रशासनिक व्यवस्था का हिस्सा बनने के लिए बधाई भी दी। साथ ही, जनता के प्रति जवाबदेह बने रहने का मंत्र दिया है।

पीसीएस सेवा को आईएएस की रीढ़ बताते हुए सीएम ने कहा है कि अब जबकि उनका चयन योग्यता, क्षमता और मेरिट के आधार पर शुचितापूर्ण और पारदर्शी रीति से हुआ है तो सेवाकाल में इसी भावना के साथ काम करने की अपेक्षा भी है। न्याय से कोई वंचित न होने पाए और न्याय होता हुआ दिखना भी चाहिए। जल्द ही प्रशिक्षण प्राप्त करने जा रहे नवचयनित उपजिलाधिकरियों को मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के कुटैव से दूर रहने की भी सलाह दी। कहा कि, लोग अधिकारी बनने के बाद एक टापू की तरह एकाकी हो जाते हैं। जिनके इर्द-गिर्द भ्रष्टाचार की मक्खियां आ जाती हैं। जो पीसीएस अधिकारी अपने अच्छे कार्यों के बल पर जिलाधिकारी, कमिश्नर और सचिव तक बन सकते हैं, कई बार ऐसे लोगों के कारण पदावनति, निलंबन और बर्खास्तगी का दंड भोगने को मजबूर हो जाते हैं। ऐसे में बेहतर यही है कि शुरुआत से ही इन मख्खियों से दूरी बना ली जाए।

शोध का विषय बनेगी योगी सरकार की शुचितापूर्ण नीति: डिप्टी सीएम

उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने नवचयनित डिप्टी कलेक्टरों को आत्मविश्वासी होने, चिन्तनशील बनने और निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर काम करने का संदेश दिया। साथ ही बीते चार साल में हुई साढ़े 04 लाख नियुक्तियों में शुचिता, पारदर्शिता और ईमानदारी की नीति को भविष्य के लिए शोध का विषय बताया।कार्यक्रम में वित्त, चिकित्सा शिक्षा एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने नवचयनित अधिकारियों को काम पर फोकस करने, परिणामदायक बनने और जनहित को प्राथमिकता देने का मंत्र दिया। हल्के-फुल्के अंदाज ने उन्होंने कहा कि प्रयास करें कि टीवी-अखबार पर देखने-छपने के “रोग” न लगे। इससे पहले अपर मुख्य सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी ने स्वागत अभिभाषण में सफल अभ्यर्थियों को शासन का अंग बनने पर बधाई दी।

यूपी पीसीएस 2019 में डिप्टी कलेक्टर पद चयनित युवाओं ने नियुक्ति-पत्र वितरण कार्यक्रम में अपने विचार भी साझा किए

युगांतर त्रिपाठी– मैं इससे पहले राजस्थान इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड में पदस्थ था। सिविल सेवा की तैयारी की और सफलता मिली। यूपी पीएससी की शुचिता और पारदर्शिता पूर्ण चयन प्रक्रिया के लिए हृदय से धन्यवाद। मेरी कोशिश रहेगी कि शासन की नीतियों का अनुपालन करते हुए जनआकांक्षाओं पर खरा उतर सकूं। लोगों के लिए सुलभ रहूं। धन्यवाद मुख्यमंत्री जी।

डॉ. पूनम गौतम– यूपी अवसरों का प्रदेश है। प्रशासनिक सेवा का अंग बनकर हार्दिक खुशी हो रही है। मुख्यमंत्री जी ने जिस तरह कोविड के दौरान प्रदेश की सुरक्षा की, उसके लिए मुख्यमंत्री जी को बहुत धन्यवाद। यूपी का कोविड मॉडल बहुत शानदार है। मैं अपने कार्यकाल में जनसेवा के लिए तत्पर रहूंगी। जाति, धर्म से परे मेरिट आधारित चयन हुआ है। मैं चिकित्सक रही हूं। इस अनुभव के लाभ भी लोगों को देने की कोशिश रहेगी।

अखिलेश यादव– प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनकर मेरी कोशिश समाज के वंचित और पिछड़े तबके को मुख्यधारा में लाने की होगी। मुझे जो मौका मिला है, मैं उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ देने का पूरा प्रयास करूंगा।

अमन– मैं मूलतः बिजनौर का रहने वाला हूँ। इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। मुझे खुशी है कि मेरा चयन एक ईमानदार प्रक्रिया के तहत हुआ। सेवा के दौरान इस पारदर्शिता भाव को बनाये रखने के लिए संकल्पित हूँ।

प्रीति सिंह– उत्तम प्रदेश उत्तम प्रदेश है। हम इसे अति उत्तम प्रदेश बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी ने कोरोना के दौरान “आपदा को अवसर” में बदलने का एक मंत्र दिया था। मैंने इस मंत्र को जीवन में आत्मसात कर लिया है। वंचित, शोषित वर्गों के उन्नयन के लिए मुझसे जो कुछ हो सकेगा, करने को तत्पर रहूंगी।