नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइंस कंपनियों को राहत देते हुए एक बड़ा फैसला सुनाया है। इस फैसले के बाद अब एयरलाइंस कंपनियों को बीच वाली सीट खाली रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया था कि महामारी के मद्देनजर यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय तैनात किए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजय किशन कौल और भूषण गवई की बेंच ने एयर इंडिया और अन्य सभी घरेलू एयरलाइनों के लिए मध्य-सीट पर कब्जा करने की अनुमति देने वाले बॉम्बे HC के आदेश के को खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि पायलट ने 31 मई को घोषित विमानन नियामक DGCA के फैसले के खिलाफ विशेष अवकाश याचिका दायर की थी, जिसमें एयरलाइंस को उड़ान में मध्य सीटें बेचने की अनुमति दी गई थी।
इस आदेश के पहले तक एयरलाइंस को फ्लाइट में बीच वाली सीट खाली रखने का आदेश दिया गया था। सिविल एविएशन रेगुलेटर DGCA ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के बाद ये फैसला लिया था। हालांकि इसमें कुछ रियायतें भी दी गई थीं।
इस रियायत में कहा गया था कि, अगर बीच की सीट खाली रखना बिल्कुल संभव नहीं हो तो यात्रियों को एक wrap around gown दिया जाए। हालांकि एक परिवार के सदस्यों को एक साथ बैठने की इजाजत दी जा सकती है। सभी यात्रियों को एयरलाइंस सुरक्षा किट मुहैया कराएगा। इसमें मास्क, फेस शील्ड, सैनिटाइजर शामिल है।