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Renowned Economist Dr. Bibek Debroy Passes Away : जाने माने अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के चेयरमैन डा. बिबेक देबरॉय का निधन

Renowned Economist Dr. Bibek Debroy Passes Away : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शोक संदेश में लिखा, डॉ. बिबेक देबरॉय जी एक महान विद्वान थे, जो अर्थशास्त्र, इतिहास, संस्कृति, राजनीति, आध्यात्मिकता और अन्य विविध क्षेत्रों में पारंगत थे। अपने कार्यों से उन्होंने भारत के बौद्धिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी।

नई दिल्ली। देश के जाने माने अर्थशास्त्री डा. बिबेक देबरॉय का आज सुबह निधन हो गया। उनकी आंतों में इंफेक्शन हो गया था। बिबेक प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के चेयरमैन थे। सितम्बर 2017 में बिबेक को इस पद पर नियुक्त किया गया था। इससे पहले वो नीति आयोग से जुड़े हुए थे। भारत की अर्थव्यवस्था को नए आयाम पर पहुंचाने के लिए सरकार की तमाम नीतियों को तैयार करने और उनके क्रियान्वयन में भी बिबेक देबरॉय का विशेष योगदान रहा। पीएम नरेंद्र मोदी ने बिबेक के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके साथ अपनी एक फोटो शेयर की है।

मोदी ने सोशल मीडिया पर अपने शोक संदेश में लिखा, डॉ. बिबेक देबरॉय जी एक महान विद्वान थे, जो अर्थशास्त्र, इतिहास, संस्कृति, राजनीति, आध्यात्मिकता और अन्य विविध क्षेत्रों में पारंगत थे। अपने कार्यों से उन्होंने भारत के बौद्धिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी। सार्वजनिक नीति में अपने योगदान के अलावा, उन्हें हमारे प्राचीन ग्रंथों पर काम करने और उन्हें युवाओं के लिए सुलभ बनाने में आनंद आया। अपने दूसरे पोस्ट में पीएम ने लिखा, मैं डॉ. देबरॉय को कई वर्षों से जानता हूं। मैं अकादमिक प्रवचन के प्रति उनकी अंतर्दृष्टि और जुनून को प्रेमपूर्वक याद रखूंगा। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार तथा मित्रों के लिए संवेदनाएं।

आपको बता दें कि डॉ. बिबेक देबरॉय ने आज की युवा पीढ़ी के लिए सभी पुराणों का अंग्रेजी भाषा में आसान अनुवाद भी किया है। एक महान अर्थशास्त्री होने के साथ साथ डॉ. बिबेक देबरॉय ऐसे विद्वान थे, जो इतिहास, राजनीति, संस्कृति और आध्यात्म में भी विशेष रुचि रखते थे। डा. बिबेक को पद्म श्री जैसे प्रतिष्ठित पुरुस्कार से सम्मानित भी किया गया था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी डा. बिबेक के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर काम किया और लिखा। उनके पास स्पष्ट व्याख्या करने का विशेष कौशल भी था, जिससे आम आदमी जटिल आर्थिक मुद्दों को आसानी से समझ सके। उन्होंने हर जगह अपनी छाप छोड़ी है।