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रिक्शा चालक ने बेटी की शादी पर पीएमओ जाकर दिया न्योता, नरेंद्र मोदी से मिला ये आशीर्वाद

नरेंद्र मोदी आम और खास सभी लोगों के बीच खासे लोकप्रिय हैं। इसकी एक खास वजह यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी लोगों के बीच पहुंच बहुत आसानी से होती है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम और खास सभी लोगों के बीच खासे लोकप्रिय हैं। इसकी एक खास वजह यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी लोगों के बीच पहुंच बहुत आसानी से होती है। देश की जनता के लिए प्रधानमंत्री मोदी हमेशा से तैयार नजर आते हैं। मोदी के कार्यालय में जो भी पत्र या अन्य तरीके से संदेश पहुंचता है उसका जवाब जरूर दिया जाता है। वाराणसी का एक रिक्शा चालक(ट्राली चलाने वाला) भी मोदी के इसी अदा का कायल हो गया है।Mangal Kewat a ricksaw puller was sent a congratulatory letter by PM Modi

वाराणसी की गलियों में ट्राली चलाने वाले मंगल केवट इन दिनों बेहद खुश हैं। उनकी खुशी की दो वजहें हैं। एक तो वे अपनी बेटी की शादी कर रहे हैं, दूजे इस शादी पर उनकी बेटी को वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी बेटी की शादी पर आशीर्वाद दिया है और नव दंपति के लिए मंगल कामना की है।Mangal Kewat a ricksaw puller was sent a congratulatory letter by PM Modi

मंगल केवट पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के आदर्श गांव डोमरी के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी बेटी की शादी का पहला निमंत्रण दिल्ली पीएमओ जाकर दिया। इसके बाद 8 फरवरी को उन्हें पीएम का बधाई पत्र मिला।


मंगल केवट चाहते हैं कि अब पीएम मोदी से मिलकर वे उनका शुक्रिया अदा करें। उन्होंने बताया कि ये शुभकामना पत्र उनके लिए अजीज है। पीएम मोदी के डिजिटल सिग्नेचर वाले शुभकामना पत्र में शादी के लिए निमंत्रण पाने पर हर्ष जताया गया है और नवदंपति को भविष्य के लिए बधाई और शुभकामनाओं के साथ आशीष दिया गया है, और अंत में पीएम मोदी के डिजिटल हस्ताक्षर भी हैं।Mangal Kewat a ricksaw puller was sent a congratulatory letter by PM Modi

मंगल केवट ने बताया कि पीएम मोदी की ही प्रेरणा से वे वाराणसी से चंदौली को जोड़ने वाले मालवीय पुल जिसे राजघाट पुल भी कहते है वहां साफ सफाई की और झाड़ू लगाते हैं।PM Narendra Modi

मंगल केवट ने अपने पैसों से पुल पर डस्टबिन भी रखा है। पहले लोग सीधे पूजा सामग्री और खंडित मूर्तियों को गंगा नदी में फेंक दिया करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। मंगल केवट के इस सामाजिक काम की तारीफ हुई। वे बताते है कि बीते वर्ष 6 जुलाई को पीएम मोदी ने उनको मंच से सम्मानित भी किया था।