चीन के मुद्दे पर RSS प्रमुख भागवत ने थपथपाई मोदी सरकार की पीठ, कहा- ‘भारत के जवाब से सहमा चीन’

Mohan Bhagwat: नागपुर(Nagpur) में आरएसएस(RSS) हेडक्वार्टर में अपने संबोधन पर सर संघ संचालक मोहन भागवत ने कहा कि सामरिक और आर्थिक दृष्टि से वह ठिठिक जाए इतना धक्का तो उसे मिला है।

Avatar Written by: October 25, 2020 2:26 pm

नई दिल्ली। चीन से चल रहे सीमा विवाद को लेकर भारतीय सेना ने जिस तरीके लद्दाख में मोर्चा संभाला है, उससे राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत काफी गदगद हैं। इसको लेकर रविवार को नागपुर में आरएसएस हेडक्वार्टर में अपने संबोधन में RSS प्रमुख भागवत ने कहा कि, चीन के विस्तारवादी स्वभाव को सब जानते हैं। इस बार उसने एक साथ ताइवान, वियतनाम, अमेरिका, जापाना और भारत के साथ-साथ झगड़ा मोल लिया। लेकिन इस बार अंतर है। इस बार भारत ने उसकी जो प्रतिक्रिया दी, उसके कारण वह सहम गया। उसको धक्का मिला। क्योंकि भारत तन के खड़ा हो गया। भारत की सेना ने अपनी वीरता का परिचय दिया, भारत के नागरिकों ने अपनी देशभक्ति का परिचय दिया।’ बता दें कि मोहन भागवत ने यह बात दशहरा पर्व के मौके पर हर साल होने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हेडक्वॉर्टर नागपुर (Nagpur) में शस्त्र पूजा (RSS Dussehra Shastra Puja) के दौरान कही।

आपको बता दें कि भागवत ने चीन मामले पर पीएम मोदी की पीठ ठोकी साथ में भागवत ने चीन के दोगुले रवैये से आगाह भी कराया। उन्होंने कहा कि, कोरोना महामारी में चीन का नाम आता है। पता नहीं क्या है। शंकाएं हैं। लेकिन चीन इस समय में अपने और सामरिक बल के अभिमान में हमारी सीमाओं का जो अतिक्रमण किया और जिस प्रकार किया और कर रहा है पूरी दुनिया के साथ, यह पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट है।

PM Modi Namaste

विजयदशमी के मौके पर दिए संबोधन में मोहन भागवत ने कहा कि, “भारत के लोगों का एकजुट होने से चीन को पहली बार हमारी अलग ताकत का अहसास हुआ होगा। उसे अब समझ जाना चाहिए। चीन की तरह का ख्याल जो भी मन में रखते हैं, उनको समझ जाना चाहिए कि हम इतने कच्चे नहीं हैं। ऐसी स्थिति कभी भी आएगी तो हमारी तैयारी, दृढ़ता और सजगता कम नहीं है।”

RSS Mohan bhagwat

नागपुर में आरएसएस हेडक्वार्टर में अपने संबोधन पर सर संघ संचालक मोहन भागवत ने कहा कि सामरिक और आर्थिक दृष्टि से वह ठिठिक जाए इतना धक्का तो उसे मिला है। इसके कारण दुनिया के बाकी देशों ने भी चीन को अब डांटना शुरू किया है। उसके सामने खड़ा होना शुरू किया है। उन्होंने कहा कि इसके कारण अब और सजगह रहने की जरूरी है। क्योंकि जो नहीं सोचा था, वह परिस्थिति उसके सामने खड़ी हो गई है। उसकी प्रतिक्रिया में वह क्या करेगा, पता नहीं। इसका उपाय सावधानी और सामरिक तैयारी है। सामरिक,आर्थिक और कूटनीतिक में हमें चीन से बड़ा होना पड़ेगा। हमको यह करते रहना पड़ेगा, ऐसा करेंगो तो ही चीन को रोक पाएंगे।