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RSS: विजयदशमी के मौके पर मोहन भागवत ने सेवकों को किया संबोधित, विभाजन को लेकर कही बड़ी बात

RSS: RSS चीफ मोहन भागवत ने विजय दशमी के पावन मौके पर आरएसएस ने अपना 96वां स्थापना दिवस मनाया है। इस मौके पर आज नागपुर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ‘शस्त्र पूजा’ की।

RSS चीफ मोहन भागवत ने विजय दशमी के पावन मौके पर आरएसएस ने अपना 96वां स्थापना दिवस मनाया है। इस मौके पर आज नागपुर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ‘शस्त्र पूजा’ की। आज के ही दिन साल 1925 में आरएसएस की स्थापना की गई थी। वहीं कार्यक्रम में शस्त्र पूजन करने के बाद मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया।

RSS Mohan bhagwat

सेवकों को संबोधित करते हुए RSS प्रमुख भागवत ने कहा कि ‘हमें जिस दिन आजादी मिली थी, उस दिन हमें स्वतंत्रता के आनंद के साथ विभाजन का दर्द और वेदना भी मिली। हमारा देश विभाजित हुआ, उसका एक दुखद इतिहास है, जिसे हर किसी को जानना जरूरी है।’ इसके आगे अपने संबोधन में मोहन भागवत ने कहा कि ‘आजादी का सुख बड़ी मुश्किल से हासिल हुआ था, इसके लिए काफी तपस्या की गई थी और काफी बलिदान भी दिया गया था। लेकिन विभाजन की टीस आज भी है। देश का बंटवारा जिस शत्रुता और अलगाव के कारण हुआ था उसकी पुनरावृत्ति नहीं करनी है इसे रोकने के लिए हर किसी को इतिहास पढ़ना जरूरी है, खासकर के आज की पीढ़ी को इसको जानना काफी जरूरी है, जिससे आत्मीय समाज के लिए सब प्रयास कर सकें।


भारत के लोगों को किया जा रहा भ्रमित’

इस दौरान मोहन भागवत ने यह भी कहा कि ‘ये धर्म का प्रभाव ही भारत को प्रभावी बनाता है लेकिन इस वक्त इतिहास, संस्कृति का दुष्प्रचार किया जा रहा है, विश्व और भारत के जनों को भ्रमित करने का काम किया जा रहा है, जो कि अनैतिक है और इसे रोकना होगा और इसे रोका तभी जा सकेगा जब इतिहास और संस्कृति के बारे में लोगों को सही से मालूम होगा।