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कोरोना की दूसरी वैक्सीन बनाकर रूस ने पूरी दुनिया को चौंकाया

वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी ने कोरोना वायरस(Corona Virus) की 13 संभावित वैक्सीन(Vaccine) पर काम किया था। लैब में जानवरों पर इन वैक्सीन की जांच की गई थी

नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच रूस ने कोरोना की दूसरी वैक्सीन बनाकर पूरी दुनिया को चौंका दिया है। अच्छी खबर ये है कि इस वैक्सीन का अभी तक किसी को कोई भी साइड इफेक्ट भी नहीं हुआ है। जहां रूस ने पहली वैक्सीन का नाम  Sputnik5 रखा था तो वहीं दूसरी वैक्सीन को EpiVacCorona नाम दिया गया है। रूस ने EpiVacCorona वैक्सीन का निर्माण साइबेरिया के वर्ल्ड क्लास वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट (वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी) में किया है।

putin

इससे पहले 11 अगस्त को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि रूस ने कोरोना वायरस की सफल वैक्सीन तैयार कर ली है। ऐसा करने वाला रूस पहला देश बन गया था। रूस ने पहली कोरोना वैक्सीन के उपयोग की इजाजत भी दे दी थी। अब रूस ने दूसरी वैक्सीन तैयार करने का दावा किया है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस का कहना है कि पहली वैक्सीन के जो साइड इफेक्ट सामने आए थे, वह नई वैक्सीन लगाने पर नहीं होंगे।

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रूसी वैज्ञानिकों का दावा है कि EpiVacCorona वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल सितंबर में पूरा होगा, लेकिन जिन 57 वॉलेंटियर्स को वैक्सीन लगाई गई है, उनमें से किसी को भी साइड इफेक्ट का सामना नहीं करना पड़ा है। सभी वॉलेंटियर स्वस्थ हैं और अच्छा महसूस कर रहे हैं। EpiVacCorona की भी दो खुराकें लगाई जाएंगी। पहली खुराक के 14 से 21 दिन के बाद दूसरी खुराक दी जाएगी। रूस को उम्मीद है कि अक्टूबर तक इस वैक्सीन को रजिस्टर कर लिया जाएगा और नवंबर से इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा।

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वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी ने कोरोना वायरस की 13 संभावित वैक्सीन पर काम किया था। लैब में जानवरों पर इन वैक्सीन की जांच की गई थी। बता दें कि चीन, अमेरिका और ब्रिटेन भी कोरोना की सफल वैक्सीन तैयार करने में जुटे हुए हैं और तीनों ही देश की कई वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल फिलहाल चल रहे हैं।