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शिवसेना की सरकार से मांग- चीनी सामान पर रोक जरूरी, पीएम मोदी के 56 इंच को लेकर कही ये बात

पाकिस्तान चीन का गुलाम है, लेकिन चीन से लड़ने के लिए 56 इंच का सीना चाहिए और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास है। इसलिए चीन से घबराने की जरूरत नहीं, देश चिंता न करे।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनातनी जारी है। कई दौर की बातचीत के बाद भी फिलहाल मामला सुलझ नहीं पाया है। हालांकि, भारत सरकार ने दावा किया है कि राजनयिक और सैन्य स्तर पर सुलह की कोशिश जारी रहेंगी। इस बीच चीन की विस्तारवादी नीतियों का जवाब देने के लिए उसके सामान का बहिष्कार करने की आवाज भी अलग-अलग मचों से उठाई जा रही है। इस कड़ी में अब शिवसेना के मुखपत्र सामना में भी ऐसी ही मांग उठाई गई है।

Indian China LAC

सामना में लिखा गया है कि एक तरफ ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ का ढोल पीटना और दूसरी तरफ चीन के लिए बाजार खोल देना, इससे चीन को आर्थिक बल मिलता है। कोरोना के कारण हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था समाप्त हो चुकी है, बेरोजगारी बढ़ी है और यहां चीनी माल का बाजार खुला करके उसकी राक्षसी महत्वाकांक्षा और साम्राज्यवाद को ताकत दी जा रही है। संपादकीय में मांग की गई है कि चीनी वस्तुओं के इस्तेमाल पर रोक आवश्यक है और सरकार को इस पर निर्णय लेना ही पड़ेगा।

संपादकीय में लिखा गया है कि पाकिस्तान से लड़ने के लिए 56 इंच का सीना चाहिए, ऐसा हमें नहीं लगता। पाकिस्तान चीन का गुलाम है, लेकिन चीन से लड़ने के लिए 56 इंच का सीना चाहिए और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास है। इसलिए चीन से घबराने की जरूरत नहीं, देश चिंता न करे। सीमा पर सेना मुस्तैद है। आज 1962 का हिंदुस्तान नहीं है। हमारे सैनिकों के हाथ में थाली, चम्मच और मोमबत्तियां नहीं, बल्कि बंदूकें हैं! चीन को यह दिखा देने का यही समय है।

pm modi uddhav thackrey

हाल ही में दोनों देशों के बीच हुई कमांडर स्तर की बातचीत पर भी सामना में सवाल उठाए गए हैं। लिखा गया है कि पूर्व लद्दाख में प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर एक महीने से हिंदुस्तान और चीन की सेना आमने-सामने है। दोनों देशों के सेना कमांडरों में शनिवार को चर्चा हुई। यह चर्चा सकारात्मक रही, ऐसा हमारी ओर से कहा गया, चीन की ओर से नहीं, यह ध्यान रखना चाहिए।