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राजस्थान में सियासी घमासान जारी, हाईकोर्ट में बागियों की याचिका पर आज फिर सुनवाई

सोमवार को अशोक गहलोत ने कहा कि उन्हें पता था कि सचिन पायलट निकम्मा है और नाकारा है, वह बीजेपी के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश रच रहे थे।

नई दिल्ली। राजस्थान में सियासी दंगल जारी है, सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जुबानी जंग अब तेज हो गई है। हालत ये हो गई कि, गहलोत ने पायलट को नाकारा और निकम्मा तक कह दिया है। इसके जवाब में सचिन पायलट ने कहा कि, उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है।

Ashok Gahlot Sachin Pilot

सत्ता के खेल में जारी घमासान के बीच इस मामले को लेकर आज भी हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी, सचिन पायलट गुट ने स्पीकर के नोटिस के खिलाफ याचिका लगाई है। बता दें कि स्पीकर के द्वारा सचिन पायलट समेत 19 बागी विधायकों को नोटिस दिया गया, जिसके खिलाफ याचिका दायर की गई है। सोमवार को सचिन पायलट गुट की ओर से हरीश साल्वे की बहस पूरी हुई और फिर स्पीकर की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी बात रखी। सिंघवी ने दलील दी है कि अभी स्पीकर ने किसी विधायक को अयोग्य घोषित नहीं किया है, ऐसे में अदालत का हस्तक्षेप करना ठीक नहीं है।

ashok gahlot

गौरतलब है कि सोमवार को अशोक गहलोत ने कहा कि उन्हें पता था कि सचिन पायलट निकम्मा है और नाकारा है, वह बीजेपी के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश रच रहे थे। राजस्थान के सीएम ने कहा कि पिछले लंबे वक्त से वो नोटिस कर रहे थे, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए ही सचिन पायलट को अपनी सरकार गिराने में दिलचस्पी थी।

Sachin Pilot

गहलोत के बयान के बाद सचिन पायलट का भी एक बयान सामने आया, जहां उन्होंने कहा कि उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, सचिन पायलट का ये बयान अशोक गहलोत नहीं बल्कि उस विधायक को लेकर था जिसने सचिन पायलट पर 35 करोड़ रुपये का ऑफर देने का आरोप लगाया था। गौरतलब है कि कांग्रेस की ओर से कई बार सचिन पायलट से पार्टी में वापसी की अपील की जा चुकी है, लेकिन स्थानीय स्तर पर अशोक गहलोत विरोध कर रहे हैं। ऐसे में अब अदालत पर निगाहें हैं, क्योंकि अगर बहुमत साबित करने की बात आती है तो गहलोत सरकार के सामने संकट हो सकता है। क्योंकि अभी अशोक गहलोत के पास सिर्फ बहुमत जितने या एक अधिक समर्थन है, ऐसे में अंतिम वक्त पर कुछ विधायक इधर-उधर हुए तो सरकार खतरे में आ सकती है।