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Saints Angry Over Rahul Gandhi’s Statement Regarding Ram Mandir : अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को नाच गाना बताने वाले राहुल गांधी के बयान पर नाराज हुए संत, बीजेपी भी हमलावर

Saints Angry Over Rahul Gandhi’s Statement Regarding Ram Mandir : राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बोले, कांग्रेस शुरू से ही श्रीराम का अस्तित्व नकार रही है, इसलिए उसके नेता ऐसे ही बयान देंगे। हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा, राहुल गांधी की बुद्धि खराब हो गई है। वहीं बीजेपी बोली कि राहुल को देश से माफी मांगनी चाहिए।

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हरियाणा में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान बीजेपी पर निशाना साधते हुए अयोध्या के राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि वहां नाच-गाना चल रहा था। राहुल गांधी के इस बयान पर अब विवाद शुरू हो गया है। जहां एक ओर संत समाज ने राहुल गांधी की निंदा की है वहीं दूसरी तरफ बीजेपी भी कांग्रेस सांसद पर हमलावर है।

अयोध्या श्रीराम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा, ‘जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी’, जिसकी जैसी भावना वो वैसे ही भगवान को देखता है। राहुल गांधी की नज़र में प्राण प्रतिष्ठा एक नौटंकी और नाच-गाना है लेकिन भक्तों की दृष्टि में, यह उनके भगवान की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ थी। कांग्रेस शुरू से ही श्रीराम का अस्तित्व नकार रही है, इसलिए उसके नेता ऐसे ही बयान देंगे। भगवान के लिए ऐसे बयान देना ठीक नहीं है, ये उन्हीं के लिए भारी पड़ेगा।

वहीं, अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने राहुल गांधी की निंदा करते हुए कहा, उनकी बुद्धि खराब हो गई है। कांग्रेस हमेशा सनातन विरोधी रही है, वो तो शुरू से ही नहीं चाहती थी मंदिर बने, यही कारण है कि बार-बार उसके नेता इस तरह के बयान दे रहे हैं।

दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कहा, राहुल गांधी को करोड़ों हिंदुओं का अपमान करने का अधिकार नहीं है, उन्हें माफी मांगनी चाहिए। वहीं बीजेपी नेता अपर्णा यादव का कहना है कि भगवान राम पूरे देश के लिए आदर्श हैं और राम मंदिर तो बनना ही था। राहुल गांधी को ऐसे बयान देने के लिए भुगतान करना होगा और उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।

बीजेपी नेता तीरथ सिंह रावत बोले, शायद राहुल गांधी अभी तक भारतीय संस्कृति को समझ नहीं पाए हैं। जब वह भारतीय संस्कृति को समझ पाएंगे, तो वह जानेंगे कि उस उत्सव में आम लोग शामिल थे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह का वह दिन उत्सव का दिन था और हर कोई भगवान राम की भक्ति में डूबा हुआ था।