जस्टिस मुरलीधर के तबादले को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर उठाए सवाल, कानून मंत्री ने दिया जवाब
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर के तबादले पर कांग्रेस की ओर से लगातार केंद्र सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं जिस पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर के जरिए जवाब दिया है।
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर के तबादले पर कांग्रेस की ओर से लगातार केंद्र सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं जिस पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर के जरिए जवाब दिया है। कानून मंत्री ने कहा कि कोलेजियम ने 12 फरवरी को जस्टिस एस मुरलीधर के तबादले की सिफारिश की थी। इसके बाद पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद तबादला आदेश जारी हुआ।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘जस्टिस एस मुरलीधर का तबादला भारत के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की 12 फरवरी की सिफारिश के अनुसार किया गया था। जज का ट्रांसफर करते समय जज की सहमति ली जाती है। अच्छी तरह से तय प्रक्रिया का पालन किया गया है।’
Transfer of Hon’ble Justice Muralidhar was done pursuant to the recommendation dated 12.02.2020 of the Supreme Court collegium headed by Chief Justice of India. While transferring the judge consent of the judge is taken. The well settled process have been followed.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) February 27, 2020
जस्टिस लोया को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के ट्वीट पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘जस्टिस लोया के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने अच्छी तरह से सुलझा लिया है। सवाल उठाने वाले लोग विस्तृत तर्कों के बाद कोर्ट के फैसले का सम्मान नहीं करते हैं। क्या राहुल गांधी खुद को सुप्रीम कोर्ट से भी ऊपर मानते हैं?’
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘ हम न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं। न्यायपालिका की स्वतंत्रता से समझौता करने में कांग्रेस का रिकॉर्ड है। इमरजेंसी के दौरान जजों को नजरअंदाज किया गया। जब फैसला उनकी पसंद का हो, तभी खुश हों अन्यथा संस्थानों पर ही सवाल उठाएं।’
कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए मंत्री ने कहा कि पार्टी ने अदालत, सेना के खिलाफ कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा, ‘पार्टी जो एक परिवार की निजी संपत्ति है उसे भड़काऊ भाषणों पर टिप्पणी करने की जरुरत नहीं है। परिवार और उसके साथियों ने अदालतों, सेना, कैग, प्रधानमंत्री और भारत के लोगों के खिलाफ नियमित रूप से कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया है।’