सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन : केंद्र को अदालत ने दिया फैसले के लिए 1 महीने का वक्त
कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन का हवाला देते हुए केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से सेना में योग्य महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के अपने फैसले का पालन करने के लिए छह महीने का और समय मांगा है।
नई दिल्ली। भारतीय सेना में महिला अफसरों को स्थायी कमीशन दिए जाने के मामले में केंद्र को एक महीने की और मोहलत मिल गई है। भारतीय सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने और कमांड पोस्ट में उनकी तैनाती के संबंध में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के अनुपालन के लिए सरकार को एक महीने का और समय दिया है।
जस्टिस डी वाइ चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केंद्र को कोर्ट के फैसले में दिए गए सभी निर्देशों का पालन करना होगा। कोर्ट का यह निर्देश केंद्र द्वारा दायर एक आवेदन पर आया, जिसमें कोरोनावायरस महामारी का हवाला देते हुए फैसले को लागू करने के लिए 6 महीने का वक्त मांगा था। लेकिन देरी पर नाराजगी तजाते हुए अदालत ने सरकार को एक महीने का वक्त दिया है।
बता दें कि 18 फरवरी को सुनाए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को इस फैसले के अनुपालन के लिए 3 महीने का वक्त दिया था। लेकिन कोरोना के चलते जारी लॉकडाउन के चलते यह प्रक्रिया धीमी पड़ गई। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से अपने निर्देशों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है और कोरोना के कारण दिया समय है। आज अदालत में रक्षा मंत्रालय ने कहा कि निर्णय लेना अंतिम चरण में है।
The Centre, through the Ministry of Defence (MoD), submitted to the Supreme Court bench that the decision-making process is almost at the final stage and only formal orders remain to be issued.
— ANI (@ANI) July 7, 2020
केंद्र सरकार की ओर से वकील बाला सुब्रमण्यम ने अदालत से कहा कि ऑफिस ऑर्डर कभी भी आ सकता है। लेकिन कोरोना को देखते हुए और वक्त दिया जाना चाहिए।
केंद्र ने 6 महीने का समय और मांगा
कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन का हवाला देते हुए केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से सेना में योग्य महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के अपने फैसले का पालन करने के लिए छह महीने का और समय मांगा है। केंद्र ने कहा है कि उसे 6 महीने की अतिरिक्त छूट दे, ताकि वो कमांड पोस्ट में उनके लिए प्रावधान भी बना सके। एक आवेदन में, रक्षा मंत्रालय ने कहा, “आवेदकों ने अदालत द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि, कोरोना महामारी और आगामी लॉकडाउन के कारण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कुछ और समय की आवश्यकता है।”