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काशी महाकाल एक्सप्रेस में भगवान शिव के लिए आरक्षित सीट, भड़के असदुद्दीन ओवैसी

बता दें कि यह एक्सप्रेस दो राज्यों के तीन ज्योतिर्लिंगों की यात्रा करेगा। यह ट्रेन इंदौर के निकट ओंकारेश्वर, उज्जैन में महाकालेश्वर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ को जोड़ेगी। उत्तर रेलवे के अनुसार काशी महाकाल एक्सप्रेस के कोच संख्या बी 5 की सीट संख्या 64 भगवान के लिए खाली की गई है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वाराणसी से काशी महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना। हालांकि अब इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। दरअसल इस ट्रेन में एक सीट भगवान शिव के लिए भी आरक्षित है। जिसे लेकर एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।

Kashi Mahakal Express

ओवैसी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग करते हुए भारत के संविधान की प्रस्तावना को ट्वीट किया। ओवैसी ने यह ट्वीट काशी महाकाल एक्सप्रेस की एक सीट को मंदिर का रूप दे दिए जाने के बाद किया। मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति लगाई गई है। इसके बाद बर्थ में भगवान शिव की पूजा भी की गई।

बता दें कि यह एक्सप्रेस दो राज्यों के तीन ज्योतिर्लिंगों की यात्रा करेगा। यह ट्रेन इंदौर के निकट ओंकारेश्वर, उज्जैन में महाकालेश्वर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ को जोड़ेगी। उत्तर रेलवे के अनुसार काशी महाकाल एक्सप्रेस के कोच संख्या बी 5 की सीट संख्या 64 भगवान के लिए खाली की गई है। रेलवे के अनुसार ऐसा पहली बार हुआ है जब एक सीट भगवान शिव के लिए आरक्षित और खाली रखी गई है। सीट पर एक मंदिर भी बनाया गया है ताकि लोग इस बात से अवगत हों कि यह सीट मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल के लिए है।

Kashi Mahakal Express

रेलवे ऐसा स्थायी तौर पर करने के लिए विचार कर रहा है। इस ट्रेन की खासियत यह है कि इसके एसी-3 श्रेणी के सभी कोच में हर समय ऊं नम: शिवाय मंत्र बजता रहता है। इस मंत्र समेत भगवान शिव के अन्य भजनों की धुन भी बजती रहती है।