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खुफिया रिपोर्ट : दिल्ली, अलीगढ़ सीएए हिंसा के तार पीएफआई, भीम आर्मी से जुड़े

रिपोर्ट्स में कहा गया कि पीएफआई का दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद परवेज अहमद शाहीन बाग प्रदर्शन का प्रमुख भागीदार है। परवेज भीम आर्मी के कई व्हाट्सएप ग्रुपों से भी जुड़ा हुआ है।

नई दिल्ली। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उत्तर भारत में सक्रिय भीम आर्मी संगठन हाल ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) हिंसा में प्रमुख संदिग्ध के तौर पर उभरकर सामने आए हैं। पीएफआई जहां कट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों से संबद्ध है वहीं भीम आर्मी एक अंबेडकरवादी संगठन है।

Delhi
उप्र राज्य खुफिया विभाग ने कुछ प्रमुख मोबाइल फोन नंबरों की कॉल डिटेल के आधार पर खुलासा किया है कि दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में पिछले दो दिनों में आगजनी और गोलीबारी की विभिन्न घटनाओं का संबंध भी इसी समय अलीगढ़ में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है। राज्य की खुफिया रिपोर्ट ने रविवार को खुलासा किया कि अलीगढ़ के अंबेडकर पार्क में विरोध प्रदर्शन करने वाले भीम आर्मी के पदाधिकारियों ने नगर मजिस्ट्रेट को एक ज्ञापन सौंपने के बाद पीएफआई अधिकारियों से मुलाकात की।

Jafrabad Protest
इसी दौरान एएमयू के छात्रों के एक संगठन ने भी भीम आर्मी तथा पीएफआई नेताओं से मुलाकात की। रिपोर्ट में कहा गया कि भीम आर्मी की अगुआई में एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल शहर के बीच एक धार्मिक स्थान पर पहुंचा, जहां उन्होंने पोस्टर हटाने शुरू कर दिए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

पुलिस द्वारा विरोध करने पर आक्रोशित भीड़ ने पुलिस बल पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके बाद शहर के अपर कोर्ट तथा जमालपुर क्षेत्र में भी हिंसा शुरू हो गई, जहां पहले से ही सीएए संबंधित विशाल विरोध प्रदर्शन चल रहा था।

Jafrabad Protest
अलीगढ़ पुलिस के एक क्षेत्राधिकारी (सीओ) ने फोन पर बताया, “विभिन्न स्थानों पर एक साथ ही हिंसक घटनाएं शुरू हो गईं। ऐसा लगता है कि यह (पत्थरबाजी) सुनियोजित थी और दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिला में हुई हिंसा से संबद्ध है। हम कुछ महत्वपूर्ण फोन नंबरों के डाटा ले रहे हैं।”

दिल्ली और अलीगढ़ में सीएए संबंधित हिंसाओं के समय और पैटर्न में काफी समानताएं हैं। रिपोर्ट के अनुसार, “दोनों स्थानों पर हिंसा की शुरुआत पत्थरबाजी से हुई। भीड़ बढ़ने के बाद हिंसा करने वालों, जिनमें ज्यादातर हथियारों से लैस थे, ने आगजनी करना और दुकाने लूटना शुरू कर दिया।” रिपोर्ट के अनुसार, “अलीगढ़ में खैर मार्ग क्षेत्र में दुकानों में लूटपाट हुई, वहीं दिल्ली के जाफराबाद क्षेत्र में एक पेट्रोल पंप में आग लगा दी गई और कई दुकानों को लूट लिया गया।”

रिपोर्ट में आगे लिखा है, “हिंसक प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर हमला किया। निशाना बनाकर किए गए इन हमलों में दिल्ली में हेड कांसटेबल रतनलाल की मौत हो गई, वहीं पुलिस उपायुक्त अमित शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए।”

रिपोर्ट के अनुसार, “अलीगढ़ में पुलिस निरीक्षक रविंद्र कुमार सिंह और कई अन्य कांस्टेबलों पर भीड़ ने हमला कर दिया। सीएए-विरोधी प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों समेत अन्य सरकारी संपत्तियों को भी नष्ट कर दिया।” इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गृह मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया कि पीएफआई ने अपने बैंक खाते से सीएए-विरोधी प्रदर्शनों में संलिप्त कई लोगों को रुपये भेजे।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ऐसे 73 बैंक खाते चिह्न्ति किए गए। ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख लेन-देन पीएफआई के दिल्ली स्थित मुख्य खाते से हुए। पीएफआई का मुख्यालय शाहीन बाग में स्थित है, जहां देश का सबसे बड़ा सीएए-विरोधी धरना प्रदर्शन चल रहा है। पीएफआई नेताओं और भीम आर्मी के पदाधिकारियों के बीच संबंध ईडी ने भी उजागर किए हैं।

Maujpur Delhi
रिपोर्ट्स में कहा गया कि पीएफआई का दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद परवेज अहमद शाहीन बाग प्रदर्शन का प्रमुख भागीदार है। परवेज भीम आर्मी के कई व्हाट्सएप ग्रुपों से भी जुड़ा हुआ है।