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SC का बड़ा फैसला,15 दिन के भीतर सभी प्रवासी घर भेजे जाएं, रोजगार का इंतजाम भी किया जाए

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र 24 घंटों के भीतर अतिरिक्त ट्रेनों का इंतजाम करे जिनसे इन प्रवासी मजदूरों को इनके घरों तक भेजा जा सके। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को घर वापस जाने वाले प्रवासी मजदूरों की पहचान करने व रजिस्टर कराने का भी आदेश दे दिया है।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों के मामले में एक बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि केंद्र और राज्य दोनों ही मिलकर सभी प्रवासी मजदूरों को आने वाले 15 दिनों में उनके घर तक भेजने का इंतजाम करे। अहम बात यह है कि केंद्र और राज्य दोनों ने बताया है कि उनके पास प्रवासी मजदूरों की पूरी लिस्ट मौजूद है।

Migrants worker

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 24 घंटे का वक्त दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र 24 घंटों के भीतर अतिरिक्त ट्रेनों का इंतजाम करे जिनसे इन प्रवासी मजदूरों को इनके घरों तक भेजा जा सके। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को घर वापस जाने वाले प्रवासी मजदूरों की पहचान करने व रजिस्टर कराने का भी आदेश दे दिया है। इसके लिए कोर्ट ने 15 दिन का समय दिया है। अब इस मामले की सुनवाई अगले माह की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने इन प्रवासी मजदूरों के रोजगार के सिलसिले में भी अहम बात कही। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार की योजनाएं लाई जाएं और उनकी कार्यकुशलता का डाटा तैयार किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन सभी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन हो और साथ ही उनके लिए बनाई गई योजनाओं का दूर दूर तक प्रसार हो। इनका गांव और ब्लॉक स्तर पर प्रचार किया जाए ताकि श्रमिकों को इस बारे में सटीक जानकारी हो सके।

supreme court

इससे पहले 5 जून को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 3 जून तक 4,228 ट्रेनों से करीब 1 करोड़ प्रवासी मजदूर पहुंचाए गए। उस दिन कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने यह भी कहा कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले प्रवासी मजदूरों के खिलाफ दर्ज सभी मामले आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत वापस लेने पर विचार किया जाएगा।