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Delhi: केजरीवाल समेत AAP के तमाम नेताओं पर गंभीर आरोप, विदेश से चलाए जा रहे फेसबुक पेज

Arvind Kejriwal: इसके अलावा केजरीवाल के करीबी और पंजाब में भगवंत मान सरकार में मंत्री अमन अरोड़ा का फेसबुक कनाडा से संचलित किए जाने की बात कही गई है, जबकि राघव चड्ढा और आतिशी मार्लेना का अकाउंट अमेरिका से कॉपरेट किए जाने का दावा किया है। इसके अलावा ये भी दावा किया है कि आम आदमी पार्टी का आधिकारिक पेज भी लूथिनिया नामक जगह से कुछ लोग आप के सोशल मीडिया हैंडल को चला रहे  है।

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) एक बार फिर विवादों में है। इसका कारण है उनके सोशल मीडिया हैंडल पर लगे सनसनीखेज आरोप। अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के तमाम नेताओं को लेकर एक बड़ा दावा किया गया है। दरअसल, विजय पटेल नाम के एक एक्टिविस्ट ने अपने ट्विटर हैंडल पर आम पार्टी के नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट को लेकर अहम जानकारी दी है। जिसमें उन्होंने The Indian Affairs नाम के ट्विटर हैंडल के जरिए दावा किया है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और उनके करीबी AAP नेताओं के सोशल मीडिया कतर, USA, कनाडा से मैनेज हो रहे हैं। इनके मुताबिक, दिल्ली के सीएम केजरीवाल का फेसबुक पेज 28 लोग मैनेज करते है जिसमें 26 भारत से मैनेज किए जाते है, जबकि एक कतर और दूसरा अमेरिका से मैनेज करता है। आपको बता दें कि ये वही कतर और अमेरिका है जो कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रोपगेंड़ा और नरेटिव सेट करने में अहम भूमिका निभाते है। इतना ही नहीं इस हैंडल ने यह दावा किया है कि आम आदमी पार्टी का आधिकारिक पेज भी विदेशों से संचालित किया जा रहा है।

arvind kejriwal

इसके अलावा केजरीवाल के करीबी और पंजाब में भगवंत मान सरकार में मंत्री अमन अरोड़ा का फेसबुक कनाडा से संचलित किए जाने की बात कही गई है, जबकि राघव चड्ढा और आतिशी मार्लेना का अकाउंट अमेरिका से कॉपरेट किए जाने का दावा किया है। इसके अलावा ये भी दावा किया है कि आम आदमी पार्टी का आधिकारिक पेज भी लूथिनिया नामक जगह से कुछ लोग आप के सोशल मीडिया हैंडल को चला रहे  है।

बता दें कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल अक्सर लोकतंत्र का रोना रोते रहते है। लेकिन जब उसी लोकतंत्र की सूचनाओं से आप समझौते कर रहे है वो भी अमेरिका, कतर और कनाडा देशों के साथ सूचनाएं साझा कर रहे हो। तब लोकतंत्र कहा चला जाता है। ऐसे में सवाल ये भी उठाता है कि क्या इस बात की गारंटी है कि इन सूचनाओं को आपके खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है? क्यों आपको अमेरिका, कनाडा, कतर जैसे देशों की मदद लेने पड़ रही है।