नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर चल रहे प्रदर्शन में गुरुवार देर शाम पूर्व विदेश मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद भी शामिल हुए। सलमान खुर्शीद से पहले करीब एक दर्जन अन्य कांग्रेसी सांसद, पूर्व सांसद एवं अन्य नेता प्रदर्शनकारियों को अपना समर्थन देने यहां आ चुके हैं। राजनीति के जानकार कांग्रेस के इस समर्थन को दिल्ली विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखने लगे हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से केवल स्थानीय विधायक अमानतुल्लाह खान ही अभी तक सीएए के खिलाफ चल रहे इन धरना-प्रदर्शनों में शरीक हुए हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व विदेश राज्यमंत्री एवं सांसद शशि थरूर, मणिशंकर अय्यर, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा, पूर्व विधायक अलका लांबा, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितिन राउत, पूर्व कैबिनेट मंत्री शकील अहमद समेत कई नेता जामिया और शाहीनबाग पहुंचे हैं।
हालांकि जामिया पहुंचने वाले इन सभी कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वे यहां राजनीतिक कारणों से नहीं आए हैं, अभी तक यहां आए सभी नेताओं का कहना है कि वे संविधान की रक्षा और सीएए का विरोध करने के लिए यहां आए हैं।
यहां जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी कमेटी के आफताब ने भी माना कि कांग्रेस के कई बड़े नेता शाहीनबाग और जामिया आ चुके हैं। आफताब का कहना है कि चुनावी राजनीति को ध्यान में रखकर यहां किसी को भाषण देने या आने का न्योता नहीं दिया गया है।
हालांकि जब उनसे यह पूछा गया कि कांग्रेस नेताओं की बार-बार मौजूदगी से क्या स्थानीय लोग कांग्रेस नेताओं के पक्ष में वोट कर सकते हैं? इस पर आफताब ने कहा कि लोगों को अपना अधिकार है कि वह किसे चुने। वहीं, पहले दिन से ही धरने में मौजूद नाजिया शेख ने भी माना कि उनके इस आंदोलन को कांग्रेस के बड़े नेताओं का भरपूर समर्थन मिला है।
नाजिया ने कहा कि वह हैरान हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री समेत बाकी पार्टियों के बड़े नेता अभी तक उनके बीच नहीं आए। चुनाव के सवाल पर नाजिया ने कहा कि उनकी लड़ाई लंबी है और इस लंबी लड़ाई में जो उनका अंत तक साथ देगा, वह उसी को अपना नेता मानेंगी।
शाहीनबाग में धरने की व्यवस्था संभाल रहे सलमान राजनीतिक सवाल पूछे जाने पर काफी नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि अगर कोई नेता न भी आए तो भी उनका प्रदर्शन चल सकता है।