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Farmers Protest: किसान आंदोलन के बीच शरद पवार के नेतृत्व में विपक्षी दलों का समूह राष्ट्रपति से मिलेगा

Farmers Protest: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) मंगलवार को भी जारी है। इसी के मद्देनजर किसानों ने विरोध में आज भारत बंद (Bharat Bandh) का भी आह्वान किया। इस बीच किसानों के मुद्दों को लेकर शरद पवार (Sharad Pawar) के नेतृत्व में विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind)से मिलेगा।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) मंगलवार को भी जारी है। इसी के मद्देनजर किसानों ने विरोध में आज भारत बंद (Bharat Bandh) का भी आह्वान किया। इस बीच किसानों के मुद्दों को लेकर शरद पवार (Sharad Pawar) के नेतृत्व में विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind)से मिलेगा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राष्ट्रपति से मुलाकात करेगा। इससे पहले विपक्षी नेता संयुक्त रणनीति बनाने के लिए पवार के आवास पर बैठक करेंगे। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी राजा और डीएमके के एलंगोवन पहले पवार के आवास पर मिलेंगे और फिर राष्ट्रपति से मिलने जाएंगे।

Sharad Pawar and Rahul Gandhi

पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार पर भाजपा ने एपीएमसी पर उनके पहले के रुख को लेकर प्रहार किया है, जबकि पवार ने भाजपा पर मुद्दे को भटकाने का आरोप लगाया है। पवार ने स्पष्ट किया कि उन्होंने केवल एपीएमसी अधिनियम में सुधारों की वकालत की थी। विपक्षी नेताओं ने कहा कि वे 24 राजनीतिक दलों के संपर्क में हैं। सीपीआई नेता डी राजा ने बताया कि कोरोना के कारण केवल पांच नेता राष्ट्रपति के पास जाएंगे।

sharad pawar

किसान संगठन और विशेष रूप से सहकारी क्षेत्र महाराष्ट्र में बहुत मजबूत है और शरद पवार का हस्तक्षेप ऐसे समय में हुआ है, जब आंदोलन को गति मिली है। इस मुद्दे पर प्रेस को संबोधित करने के लिए कांग्रेस ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मैदान में उतारा। 24 राजनीतिक दलों के साथ कांग्रेस ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है और चाहती है कि नए अधिनियमित किए गए कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए।

Farmers Protest

पार्टी ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि सरकार को इन कानूनों को रद्द करना चाहिए और संसद के सत्र को बुलाना चाहिए और चर्चा करनी चाहिए कि क्या वे सुधार लाना चाहते हैं। यदि वे किसानों के हित में काम करें तो कांग्रेस इसका स्वागत करेगी। हुड्डा ने कहा कि सरकार को इन कानूनों को रद्द करना चाहिए और संसद का सत्र बुलाना चाहिए। कांग्रेस ने कहा कि उसके घोषणापत्र में फार्मर मार्केट के जरिए एपीएमसी को किसानों के करीब लाने की बात थी। बता दें कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग करते हुए किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।