
नई दिल्ली। केरल के तिरुवनंतपुरम से शशि थरूर कांग्रेस के सांसद हैं। शशि थरूर आजकल कांग्रेस आलाकमान से नाराज बताए जा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस भी उनको भाव देने के मूड में नहीं दिखती। ऐसे में शशि थरूर ने बीते दिनों एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर पार्टी के पास उनके लिए कुछ नहीं है, तो उनके पास भी किताबें लिखने समेत कई विकल्प हैं। अब शशि थरूर ने ऐसा कुछ किया है, जिससे कांग्रेस आलाकमान और उनके बीच टकराव बढ़ सकता है। शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक फोटो शेयर की है। जिसमें वो मोदी सरकार के मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के वाणिज्य मंत्री के साथ दिख रहे हैं। शशि थरूर ने क्या लिखा है, ये भी देखिए।
Good to exchange words with Jonathan Reynolds, Britain’s Secretary of State for Business and Trade, in the company of his Indian counterpart, Commerce & Industry Minister @PiyushGoyal. The long-stalled FTA negotiations have been revived, which is most welcome pic.twitter.com/VmCxEOkzc2
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 25, 2025
बीते दिनों पहले खबर आई थी कि शशि थरूर ने पार्टी में खुद को अप्रासंगिक बनाए जाने पर राहुल गांधी से मुलाकात की थी। सूत्रों के हवाले से आई इस मुलाकात की खबर में बताया गया था कि शशि थरूर ने राहुल गांधी से शिकायत की कि संसद में उनको पार्टी की तरफ से अपने विचार रखने नहीं दिए जाते। शशि थरूर ने केरल में विधानसभा चुनाव से पहले सीएम चेहरा घोषित करने के बारे में राहुल गांधी से कहा। सूत्रों ने बताया था कि राहुल गांधी ने इस पर शशि थरूर को टका सा जवाब दे दिया कि कांग्रेस कभी भी चुनाव से पहले सीएम फेस का एलान नहीं करती है। इस खबर के आने के बाद ही शशि थरूर ने कहा था कि उनके पास कई विकल्प हैं।
सूत्रों के मुताबिक शशि थरूर और कांग्रेस के बीच तलवार खिंचने की कई वजह हैं। एक तो कांग्रेस का सांसद होने के बावजूद शशि थरूर कई बार पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की बड़ाई कर चुके हैं। पिछले दिनों उन्होंने केरल में सत्तारूढ़ वाममोर्चा सरकार की भी तारीफ की थी। वहीं, सूत्रों का कहना है कि शशि थरूर से कांग्रेस आलाकमान तभी से नाराज है, जब सांसद ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव में अपना नामांकन किया था। ऐसे में अब सबकी नजर इस पर है कि शशि थरूर का अगला कदम क्या होता है। हालांकि, इंटरव्यू में शशि थरूर कह चुके हैं कि पार्टी बदलना कोई उपाय नहीं होता।