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Maharashtra Crisis: शिंदे का शिवसेना पर बड़ा हमला, पूछा ‘दाऊद से संबंध रखने वालों का समर्थन कैसे कर सकती है बाला साहेब की पार्टी?’

महाराष्ट्र में शिवसेना में जारी संकट में ऐसा पहली बार है, जब एकनाथ शिंदे की तरफ से ऐसा संगीन आरोप लगाया गया है। तो अब ये चर्चा भी शुरू हो गई है कि आखिर किस नेता की तरफ एकनाथ शिंदे ने अंगुली उठाई है। अगर महाविकास अघाड़ी को देखें, तो इसमें कुछ ही बड़े नेता हैं। अघाड़ी के सबसे बड़े नेता शरद पवार हैं।

मुंबई। शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे ने अब एक संगीन आरोप लगाया है। शिंदे का आरोप है कि मुंबई बम धमाके के आरोपियों और डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबियों को शिवसेना का समर्थन हासिल है। एक ट्वीट में ये आरोप एकनाथ शिंदे ने लगाया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘कैसे बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना ऐसे लोगों का समर्थन कर रही है, जिनका सीधा संबंध मुंबई बम धमाकों, दाऊद इब्राहिम और मुंबई के निर्दोष लोगों की हत्या करने वालों से है। इसी वजह से हमने ये कदम (बगावत का) उठाया। (ऐसे लोगों का साथ देने के बजाय) मृत्यु ज्यादा बेहतर है।’

eknath shinde tweet on dawood mole in uddhav govt

महाराष्ट्र में शिवसेना में जारी संकट में ऐसा पहली बार है, जब एकनाथ शिंदे की तरफ से ऐसा संगीन आरोप लगाया गया है। तो अब ये चर्चा भी शुरू हो गई है कि आखिर किस नेता की तरफ एकनाथ शिंदे ने अंगुली उठाई है। अगर महाविकास अघाड़ी को देखें, तो इसमें कुछ ही बड़े नेता हैं। अघाड़ी के सबसे बड़े नेता शरद पवार हैं। वो 1993 में मुंबई बम धमाकों के वक्त महाराष्ट्र के सीएम थे। दूसरे बड़े नेता डिप्टी सीएम और शरद के भतीजे अजित पवार हैं। अघाड़ी के बड़े नेताओं में उद्धव ठाकरे भी हैं। इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले हैं। वो पहले बीजेपी में थे। इनके अलावा कांग्रेस के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण आजकल परिदृश्य से लापता हैं। ऐसे में शिंदे ने किसकी तरफ अंगुली उठाई है, ये चर्चा हो रही है।

uddhav and sharad pawar

बता दें कि खुद शरद पवार एक इंटरव्यू में बता चुके हैं कि मुंबई में 1993 में जिस वक्त बम धमाके हुए, उस वक्त उन्होंने हालात पर कंट्रोल करने के लिए ये झूठ बोला था कि एक मस्जिद में भी बम फटा है। जबकि, किसी मस्जिद में बम नहीं फटा था और मुंबई के सिर्फ 11 जगह धमाके हुए थे। इनमें सैकड़ों लोग हताहत हुए थे। उस भयावह दिन को आज तक मुंबई के लोग भूले नहीं हैं। इसके बाद भी मुंबई में कई बार धमाके हुए, लेकिन फिर सबसे बड़ा हमला 26 नवंबर 2008 को हुआ। जब पाकिस्तानी आतंकियों ने शहर में तीन दिन तक दहशत फैलाए रखी।