
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में ईवीएम को लेकर विवाद अभी भी जारी है। उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) के विधायकों ने आज सदन में शपथ नहीं ली। शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा कि आज हमने तय किया है कि हमारे जीते हुए विधायक शपथ नहीं लेंगे। अगर यह जनता का जनादेश होता तो लोग खुश होते और जश्न मनाते, लेकिन इस जीत का कहीं भी जश्न नहीं मनाया गया, हमें ईवीएम पर संदेह है। यह जनादेश ईवीएम और चुनाव आयोग द्वारा दिया गया है, न कि महाराष्ट्र के लोगों द्वारा।
VIDEO | “We are not taking the oath today as a protest against what happened in Markadwadi. Across Maharashtra, after winning with such a huge mandate, this should have been a huge celebration. Instead, people are in shock. This mandate is by the EVM and Election Commission and… pic.twitter.com/vDxLvumYhi
— Press Trust of India (@PTI_News) December 7, 2024
महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र से शिवसेना यूबीटी विधायकों के वॉकआउट करने पर विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा, आज हमने जनता का सम्मान करते हुए शपथ ना लेने का फैसला किया है। लोकतंत्र की हत्या हो रही है। जो नतीजे आए हैं वो जनादेश नहीं है। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) नेता और एमएलसी सचिन अहीर ने कहा “रईस शेख जी भले ही कह रहे हों कि ईवीएम में कोई छेड़छाड़ नहीं हुई, लेकिन लोग सवाल कर रहे हैं कि यह जनादेश कैसे हो सकता है। हम यह नहीं कह रहे हैं कि कोई छेड़छाड़ हुई है, लेकिन लोगों के मन में जो संदेह पैदा हुआ है, वह वास्तविक है। जब इतने सारे सारे वोट दिए हमारी पार्टी को दिए गए हैं, तो यह जनादेश कैसे हो सकता है?
मुंबई, महाराष्ट्र: शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने विपक्ष द्वारा ईवीएम पर लगाए आरोपों पर कहा “देखिए, ये उनकी तरफ से बहुत बचकानी हरकतें हैं, लगातार अविश्वास जताते रहते हैं। उन्हें हर चीज पर अविश्वास है। उन्हें किसी सरकारी संस्था पर भरोसा नहीं है। जब वह लोकसभा में जीते तो ईवीएम अच्छा… pic.twitter.com/B40Z1nM7Ja
— IANS Hindi (@IANSKhabar) December 7, 2024
दूसरी तरफ, एकनाथ शिंदे की शिवसेना पार्टी की नेता मनीषा कायंदे ने विपक्ष द्वारा ईवीएम पर लगाए आरोपों पर कहा, ये उनकी तरफ से बहुत बचकानी हरकतें हैं। वो लगातार ईवीएम पर अविश्वास जताते रहते हैं। उन्हें हर चीज पर अविश्वास है। विपक्ष को किसी सरकारी संस्था पर भरोसा नहीं है। जब वह लोकसभा में जीते तो ईवीएम ठीक थी, तब उन्होंने सवाल नहीं उठाए, लेकिन जब भी विपक्षी पार्टियां चुनाव हारती हैं वो हमेशा ईवीएम पर संदेह करना शुरू कर देते हैं।