नई दिल्ली। शिवसेना ने महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार तो बना ली लेकिन अब उसके ही कार्यकर्ताओं ने नाराज होकर पार्टी का साथ छोड़ना शुरू कर दिया है। बता दें कि यूपी में लगभग 20-25 सालों से शिवसेना से जुड़े सैकड़ों शिवसैनिकों ने गुरुवार को शिवसेना कार्यालय पर सामूहिक रूप से त्यागपत्र सौंप दिया है।
त्यागपत्र देने वाले शिवसैनिकों का कहना है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पुत्र मोह में धृतराष्ट्र बन गए हैं, हिंदुत्व के मुद्दे से हट गए हैं, आज तक जिन्हें कोसते आए थे, सत्ता सुख के लालच में अब उनके साथ ही मिल गए हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि, शिवसेना में लंबे समय से उत्तर भारतीयों के साथ भेदभाव किया जाता था लेकिन हम लोग हिंदुत्व के कारण शिवसेना से जुड़े हुए थे।
उन्होंने कहा कि, हम लोग बाला साहब ठाकरे की नीति पर चलते थे और उनका ही अनुसरण करते थे लेकिन अब मामला बदल गया है इसलिए हम सभी शिवसैनिक शिवसेना छोड़कर क्रांति शिवसेना के नाम से नया संगठन बना रहे हैं, जिसका अध्यक्ष सर्वसम्मति से ललित मोहन शर्मा को बनाया गया है।
संगठन के मुद्दे को लेकर कहा कि, इस संगठन का मुख्य मुद्दा हिंदुत्व रहेगा, उसके साथ ही किसानों गरीबों और मजदूरों की समस्याओं को भी उठाना हमारा मुद्दा रहेगा। हम लोग 25 मार्च हिंदू नव वर्ष के दिन एक बड़ा अधिवेशन करेंगे जिसमें हजारों की भीड़ रहेगी और इसी दिन हम पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने संगठन का विस्तार करेंगे और कार्यकारिणी घोषित करेंगे।
आपको बता दें कि कुछ समय से मुजफ्फरनगर में शिवसेना का एक दूसरा संगठन भी आ गया है जिसमें जिला प्रमुख बिट्टू सिखेड़ा इन लोगों को गलत बता रहे थे, नए नवेले संगठन क्रांति शिवसेना के नवनियुक्त अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा ने इस विषय पर बताया कि शिवसेना ने लोगों को आपस में भिड़ाने और टकराने के लिए हर जिले में यही स्थिति उत्पन्न कर रखी है, हर जिले में दो-तीन संगठन खड़े कर रखे हैं। हम लोग 20-25 साल से शिवसेना के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं, शिवसेना के लिए हमने मुकदमे झेले हैं और आज हम अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।