नई दिल्ली। कांग्रेस के बाद अब शिवसेना भी सीमा विवाद के मुद्दे को लेकर राजनीति करने में जुट गई है। गलवान घाटी मुद्दे को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए केंद्र सरकार पर हमला बोला। इतना नहीं शिवसेना ने अपने मुखपत्र में भारतीय सेना का भी अपमान कर डाला। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 जवानों की शहादत को याद करते हुए उनकी वीरता की तारीफ की। लेकिन शिवसेना को यह तारीफ रास नहीं आया।
दरअसल शुक्रवार को शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए गलवान घाटी संघर्ष में भारतीय सैनिकों के दिखाई गई वीरता का इस्तेमाल कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार के प्रमुख दल ने कहा कि 15 जून को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के सैनिकों के साथ हुए संघर्ष में शामिल एक विशेष सैन्य रेजिमेंट का उल्लेख कर मोदी जातीय और क्षेत्रीय कार्ड खेल रहे हैं। मराठी दैनिक ने पूछा, ‘‘देश जब सीमा पर संकट का सामना कर रहा था तो क्या महार, मराठा, राजपूत, सिख, गोरखा, डोगरा रेजीमेंट सीमाओं पर बेकार बैठकर तम्बाकू चबा रहे थे?’’
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने अपने सम्पादकीय में गलवान घाटी संघर्ष में बिहार रेजिमेंट की वीरता पर मोदी के बयान का जिक्र करते हुए यह बात कही।उसने कहा, ‘कल पुलवामा में आतंवकादियों के साथ मुठभेड़ में महाराष्ट्र का सीआरपीएफ जवान सुनील काले शहीद हो गया। आगामी चुनाव को देखते हुए भारतीय सेना में जाति और क्षेत्र को महत्ता दी गई।’ सम्पादकीय में भाजपा के पूर्व सहयोगी ने इस तरह की राजनीति का विरोध किया।
सम्पादकीय में कहा गया, ‘इस तरह की राजनीति एक बीमारी है, जो कि कोरोनावायरस से अधिक घातक है।’ बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाला है। वहां सत्तारूढ़ गठबंधन में भाजपा शामिल है।