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Maharashtra Crisis: शिंदे की राह में रोड़ा अटकाने सुप्रीम कोर्ट पहुंची शिवसेना को झटका, कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में 20 जून से जारी सियासी उठापठक शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी थमा नहीं है। इस मामले में अभी भी सत्ता से जा चुके शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के ग्रुप की तरफ से नए-नए सियासी और कानूनी दांव-पेच चले जा रहे हैं। इसी …

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में 20 जून से जारी सियासी उठापठक शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी थमा नहीं है। इस मामले में अभी भी सत्ता से जा चुके शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के ग्रुप की तरफ से नए-नए सियासी और कानूनी दांव-पेच चले जा रहे हैं। इसी क्रम में सुनील प्रभु के नेतृत्व में उद्धव ठाकरे खेमे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए राज्य के नए मुख्यमंत्री समेत 16 विधायकों को उनकी अयोग्यता की कार्यवाही तय होने तक विधानसभा से निलंबित करने की मांग की। सुनील प्रभु ने कोर्ट में इस बात की भी गुहार लगाई की इन सभी को विधानसभा में प्रवेश देने से रोका जाए। इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए ठाकरे गुट को झटका दिया है। कोर्ट ने  मामले की तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है।

शिवसेना ने कोर्ट से की है ये मांग

आज सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु ने अर्जी दाखिल कर सीएम शिंदे और उनके समर्थक 15 विधायकों को कल सदन में घुसने से रोकने की मांग की थी। पार्टी का ये कहना था कि जब तक इन विधायकों को डिप्टी स्पीकर से मिले अयोग्यता के नोटिस पर कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तब तक इन्हें विधानसभा में प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए। सुनील प्रभु ने ये भी मांग की थी कि राज्य के मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे को तब तक बहुमत परीक्षण से भी रोका जाना चाहिए। हालांकि 2 व 3 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र होना है ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने नई अर्जी पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट के इस फैसले से एक तरफ जहां ठाकरे गुट को झटका लगा है तो वहीं, शिंदे ग्रुप को राहत मिली है।

Supreme court

शिंदे के नेतृत्व वाले बागी गुट ने दी है चुनौती

इधर डिप्टी स्पीकर द्वारा दिए गए अयोग्यता के नोटिस के खिलाफ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मामले में कोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस भी जारी किया है। इसके लिए 11 जुलाई को आगे की सुनवाई होनी है। अभी तक विधायकों की अयोग्यता पर किसी तरह का कोई फैसला नहीं आया है ऐसे में उनकी विधायकी बरकरार है।

supreme court

कल से विधानसभा का विशेष सत्र

29 जून को उद्धव ठाकरे के सीएम पद से दिए गए इस्तीफे के बाद विश्वास मत की जरूरत ही नहीं पड़ी थी और अगले ही दिन 30 जून की शाम को शिवसेना के बागी नेता शिंदे को राज्यपाल ने सीएम पद की शपथ दिलाई। इस दौरान पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ग्रहण की। इस शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने गुरुवार रात में कैबिनेट की पहली बैठक की और 2 और 3 जुलाई को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया है। इस दौरान शिंदे जहां विश्वास मत हासिल कर सकते हैं तो वहीं, विशेष सत्र में ही स्पीकर का चुनाव भी होने की संभावना है।