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second national serosurvey report: ICMR के दूसरे सीरो सर्वे में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, देश में कोरोना का इतनी तेजी से हुआ प्रसार

second national serosurvey report: इससे पहले एक और सीरो सर्वे (serosurvey) की रिपोर्ट ICMR द्वारा जारी की गई थी जिसमें बताया गया था कि मई के महीने में देश में 65 लाख से ज्यादा आदमी इस कोरोनावायरस (Coronavirus) की चपेट में आकर ठीक भी हो गए थे लेकिन उनमें ना तो इसके कोई लक्षण थे ना हीं उन्हें इसके संक्रमण (Infection) का पता चला था।

नई दिल्ली। एक तरफ कोरोना का कहर पूरे देश में जारी है। देश में हालांकि आज राहत की खबर आई आज जहां हर दिन की तुलना में कम मामले आए वहीं लगभग दो महीने के बाद ऐसा हुआ कि कोरोना से होनेवाली मौत का आंकड़ा सबसे कम दर्ज हुआ। यह जहां एक तरफ राहत देनेवाली खबर हैं वहीं ICMR की तरफ से किए गए सीरो सर्वे की जो रिपोर्ट जारी हुई उसमें कई चौंकाने वाले खुलासे भी हुए हैं। इससे पहले एक और सीरो सर्वे की रिपोर्ट ICMR द्वारा जारी की गई थी जिसमें बताया गया था कि मई के महीने में देश में 65 लाख से ज्यादा आदमी इस वायरस की चपेट में आकर ठीक भी हो गए थे लेकिन उनमें ना तो इसके कोई लक्षण थे ना हीं उन्हें इसके संक्रमण का पता चला था। यह आंकड़े पहले से ही चौंकाने वाले थे लेकिन दूसरे सीरो सर्वे रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ है वह और भी चौंकाने वाला है।

ऐसे में दूसरे सीरो सर्वे की मानें तो अगस्त 2020 तक दस साल और इससे ऊपर के 15 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति के सार्स-सीओवी2 की चपेट में होने का अनुमान है। ये सर्वे बड़ी आबादी के अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित होने की आशंका दर्शाता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दूसरे सीरो सर्वे के निष्कर्षों को मंगलवार को जारी किया गया।

इस रिपोर्ट को जारी करते हुए आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि राष्ट्रव्यापी सीरो सर्वे में 17 अगस्त से 22 सितंबर तक 29,082 लोगों (10 वर्ष और इससे अधिक) पर सर्वे किया गया जिसमें 6.6 प्रतिशत में सार्स-सीओवी2 की चपेट में आ चुके होने के लक्षण दिखाई दिये। जबकि 7.1 प्रतिशत वयस्क आबादी (18 साल और इससे अधिक) में भी इसकी चपेट में आने के पूर्व के लक्षण दिखाई दिये।

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उन्होंने बताया कि, ‘शहरी मलिन बस्तियों (15.6 प्रतिशत), गैर-मलिन बस्तियों (8.2 प्रतिशत) क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों (4.4 प्रतिशत) की तुलना में सार्स-सीओवी2 का प्रसार अधिक है।’ भार्गव ने बताया, ‘अगस्त 2020 तक दस साल और इससे ऊपर के 15 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति के सार्स-सीओवी2 की चपेट में होने का अनुमान था।’ दूसरा सीरो सर्वे 21 राज्यों के 70 जिलों के उन्हीं 700 गांवों और वार्ड में किया गया जहां पहला सर्वे किया गया था।

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इस मौके पर स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत में प्रति दस लाख की आबादी पर कोविड-19 के 4,453 मामले हैं और मौत के 70 मामले हैं, जो दुनिया में सबसे कम हैं। दूसरे सीरो सर्वे में मई की तुलना में अगस्त में संक्रमण के कम मामले देश में जांच और मामलों का पता लगाने में पर्याप्त रूप से तेजी को दिखाते हैं।