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Delhi: PM मोदी और विपक्ष के बीच सियासी जंग का फिर सज रहा मैदान, जुलाई में इस मुद्दे पर होगी टक्कर

दोनों दलों ने पहले भी कई मौकों पर एनडीए के पक्ष में राज्यसभा में वोटिंग की है। इन दलों के सहयोग से बीजेपी ने अनुच्छेद 370 को भी रद्द करवा लिया था। इसके अलावा कुछ विपक्षी वोटों में सेंधमारी की जुगत भी बन सकती है। ऐसे में माना यही जा रहा है कि बीजेपी अपने उम्मीदवार को जिताने में कामयाब हो जाएगी।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी और विपक्ष के बीच सियासी जंग का एक और चैप्टर जुलाई में खुलने वाला है। इस जंग की वजह है राष्ट्रपति पद का चुनाव। 24 जुलाई को मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल खत्म होने वाला है। बीजेपी और विपक्ष ने अपने उम्मीदवारों के नाम का एलान अब तक नहीं किया है, लेकिन ये तय है कि बीजेपी और एनडीए की तरफ से घोषित उम्मीदवार के खिलाफ मोदी विरोधी विपक्ष अपना प्रत्याशी जरूर उतारेगा। ऐसे में वोटों का गुणा-गणित अभी से लगाया जाने लगा है। इस चुनाव से ये भी तय होगा कि भविष्य में राजनीति का ऊंट किस करवट बैठ सकता है।

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पहले वोटों का हिसाब किताब कर लेते हैं। राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल वोटों की संख्या 1098903 है। जीत के लिए वोटों का आंकड़ा 549452 है। एक सांसद के वोट की कीमत 708 है। वहीं, 4120 विधायकों के वोटों की कीमत उस राज्य की जनसंख्या पर निर्भर करता है। सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य यूपी के एक विधायक के वोट की कीमत सबसे ज्यादा 208 है। फिलहाल एनडीए और बीजेपी की 18 राज्यों में सरकार है। ऐसे में गणित ये बताता है कि एनडीए और बीजेपी के पास अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए 9000 वोट कम हैं।

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इन 9000 वोटों की कमी को पूरा करने का काम बीजेपी की पीठ पीछे कई बार मदद कर चुके ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल BJD और आंध्रप्रदेश में सत्तारूढ़ जगनमोहन रेड्डी की YSRCP कर सकते हैं। दोनों दलों ने पहले भी कई मौकों पर एनडीए के पक्ष में राज्यसभा में वोटिंग की है। इन दलों के सहयोग से बीजेपी ने अनुच्छेद 370 को भी रद्द करवा लिया था। इसके अलावा कुछ विपक्षी वोटों में सेंधमारी की जुगत भी बन सकती है। ऐसे में माना यही जा रहा है कि बीजेपी अपने उम्मीदवार को जिताने में कामयाब हो जाएगी।