हम 1984 जैसे हालात बनने नहीं दे सकते : दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में हिंसा के संबंध में कई आदेश दिए और कहा कि ‘हम एक बार फिर 1984 जैसे हालात शहर में नहीं बनने दे सकते।’ न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर ने कहा, “हमें सचेत रहना होगा।”
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में हिंसा के संबंध में कई आदेश दिए और कहा कि ‘हम एक बार फिर 1984 जैसे हालात शहर में नहीं बनने दे सकते।’ न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर ने कहा, “हमें सचेत रहना होगा।”
इसके साथ ही अदालत ने मारे गए लोगों के शवों को परिजनों द्वारा सुरक्षित तरीके से ले जाने, पर्याप्त संख्या में हेल्पलाइन स्थापित करने, विस्थापित हुए लोगों को आश्रय देने जैसे निर्देश दिए। अदालत ने कहा, “हम पीड़ितों और एजेंसियों के बीच समन्वय के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त करने का प्रस्ताव करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि शीघ्र कदम उठाया जा रहा है।”
Delhi violence matter in Delhi High Court: High Court directs to set up helplines for immediate help for victims, private ambulances to be provided for safe passage of victims. Court also directs set up of shelters for rehabilitation along with basic facilities. https://t.co/Z08ji92G32
— ANI (@ANI) February 26, 2020
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को लोगों के बीच विश्वास निर्माण के लिए प्रभावित क्षेत्रों का भी दौरा करना चाहिए। यह समय हिंसा प्रभावित इलाकों में पहुंचने का है।
Delhi violence matter in Delhi High Court: Court said that the CM and Deputy CM should also visit the affected areas for confidence-building among people. This is the time to reach out. pic.twitter.com/DylAXS5PNx
— ANI (@ANI) February 26, 2020
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि हम अभी भी 1984 के पीड़ितों के मुआवजे के मामलों से निपट रहे हैं, ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए। नौकरशाही में जाने के बजाय लोगों की मदद होनी चाहिए। इस माहौल में यह बहुत ही नाजुक काम है, लेकिन अब संवाद को विनम्रता के साथ बनाये रखा जाना चाहिए।