Uttar Pradesh: गोरखपुर के खाद कारखाने में स्थापित होंगे स्किल डेवलपमेंट सेंटर- योगी आदित्यनाथ

Uttar Pradesh: योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, “खाद कारखाने से गोरखपुर की स्मृतियां फिर ताजा हो गई हैं। 1967-68 में जापान की टोयो कम्पनी ने फर्टीलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के लिए यहां बहुत अच्छा प्लांट लगाया था। यहां बना यूरिया यूपी, बिहार और बंगाल तक के किसानों के बीच लोकप्रिय था। प्रसन्नता की बात है कि आज वही टोयो कम्पनी हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के लिए प्लांट लगाया है।”

आईएएनएस Written by: March 4, 2021 6:47 pm
CM Yogi Adityanath

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खाद कारखाने की लागत करीब ? 8000 करोड़ है। इस खाद कारखाने में कुछ स्किल डेवलपमेंट सेंटर भी खोले जाएंगे। इस सेंटर से प्रशिक्षण प्राप्त कर नौजवान रोजगार प्राप्त कर सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी गुरुवार को हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के खाद कारखाने का केंद्रीय उर्वरक व रसायन मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा के साथ निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से मुखातिब थे। गोरखपुर के लिए यह सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा निवेश है। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड द्वारा स्थापित यह खाद कारखाना किसानों और नौजवानों के लिए बड़ी सौगात है। कहा इसमें खाद कारखाने स्थापित किये जायेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, “करीब 8000 करोड़ रुपये की लागत से खाद कारखाना के रूप में गोरखपुर में बड़े निवेश से प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार किया जा रहा है। किसी को उम्मीद नहीं थी 26 साल से बंद खाद कारखाने की जगह नया प्लांट लग सकेगा लेकिन प्रधानमंत्री की दूर²ष्टि से यह संभव हुआ है। किसानों को समय से खाद व रसायन की आपूर्ति में यह खाद कारखाना मील का पत्थर बनेगा।”

Yogi PC UP Budget

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, “खाद कारखाने से गोरखपुर की स्मृतियां फिर ताजा हो गई हैं। 1967-68 में जापान की टोयो कम्पनी ने फर्टीलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के लिए यहां बहुत अच्छा प्लांट लगाया था। यहां बना यूरिया यूपी, बिहार और बंगाल तक के किसानों के बीच लोकप्रिय था। प्रसन्नता की बात है कि आज वही टोयो कम्पनी हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के लिए प्लांट लगाया है।”


मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016 में इस खाद कारखाने का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था और शीघ्र ही उनके ही हाथों इसे राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की प्रगति व किसानों को समय से खाद रसायन की आपूर्ति व अन्य सुविधाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के चलते नियमित सुनिश्चित हो रही है। पीएम मोदी के नेतृत्व में कोविडकाल में भी उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में खाद रसायन की आपूर्ति बाधित नहीं हुई। यह सप्लाई चेन पीएम मोदी के मार्गदर्शन से ही संभव हो सका। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में सप्लाई चेन बाधित न होना किसी उपलब्धि से कम नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद कारखाने के समयबद्ध कार्य निर्माण में राज्य सरकार ने कई स्तर पर सहयोग किया है। सीएम योगी ने केंद्रीय उर्वरक व रसायन मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा का गोरखपुर की जनता व किसानों की तरफ से स्वागत करते हुए बताया कि श्री गौड़ा ने इस खाद कारखाने के समयबद्ध क्रियाशीलता के लिए व्यक्तिगत दिलचस्पी लेकर नियमित 15 दिनों पर समीक्षा का क्रम बनाए रखा। उन्होंने कहा कि इस समय कार्य करने का अनुकूल वातावरण है। समय से पहले प्लांट तैयार कर ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा, ताकि शीघ्र ही पीएम मोदी इसे राष्ट्र को समर्पित कर सकें।

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खाद कारखाने का निरीक्षण करने के बाद सीएम योगी ने गुरुवार को एक बड़ी घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि चिलुआताल के विशाल जलराशि को खाद कारखाने व यहां बसने वाली टाउनशिप के इस्तेमाल के बाद शेष जल को स्वच्छ कर शुद्ध पेयजल बनाया जाएगा। इसकी आपूर्ति जल जीवन मिशन के हर घर नल से जल योजना के तहत शहर के लोगों को की जाएगी। योगी ने कहा कि चिलुआताल वाटर बॉडी सरफेस वाटर की बड़ी आपूर्ति का स्रोत बनेगा। इसी ताल से खाद कारखाने को पानी की आपूर्ति होगी। यहां खाद कारखाने की टाउनशिप में भी यहां से पानी मिलेगा। सरप्लस पानी को शुद्ध कर जल जीवन मिशन के तहत पेयजल आपूर्ति के लिए प्रयोग किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले तक पूर्वी उत्तर प्रदेश का यह क्षेत्र इंसेफेलाइटिस से प्रभावित रहा है। 1977 से 2016 तक प्रतिवर्ष यहां 1200 से 1500 बच्चे अकेले मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ देते थे। इतनी ही मौतों की संख्या घरों व गांवों में होती थी। 2017 से राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को नोडल बनाकर समन्वित प्रयास से इस बीमारी पर काबू पाया। इंसेफेलाइटिस पर नकेल के लिए हर घर मे स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय देकर खुले में शौच को रोका गया, साथ ही शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। आज इंसेफेलाइटिस के मरीजों की संख्या में 75 फीसद और इससे होने वाली मौतों की संख्या में 95 फीसद कमी आई है।