Agricultural Bill: सरकार ने कहा है कि MSP खत्म नहीं होगी, फिर भी कांग्रेस ने कृषि बिल को लेकर फैलाया भ्रम : स्मृति ईरानी

Agricultural Bill: स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने कहा कि इस समय किसान अपनी फसल मंडियों में ला रहे हैं और केंद्र द्वारा घोषित की गई MSP पर सरकारी एजंसियों को अपनी फसल बेच रहे हैं। 15 अक्टूबर तक तीन लाख मीट्रिक टन तक धान की खरीदी प्रक्रीया पूरी हो चूकी है और आगे भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सारा प्रबंध संचालित होगा।

Avatar Written by: October 15, 2020 7:48 pm
SMRITI IRANI BJP

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा कृषि संबंधी संशोधित कानूनों के बारे में किसानों व आढ़तियों को जागरूक कराने के लिए केन्द्रीय कपड़ा मंत्री तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी भाजपा मुख्यालय दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से बैठक की। इस दौरान उनके साथ भाजपा राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ, भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा व आर.पी. सिंह भी उपस्थित थे। स्मृति ईरानी ने इस अवसर पर किसानों, जमीदारों व आढ़तियों को अपने संबोधन में कृषि संबंधी बिलों के बारे में बताते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सड़क से संसद तक जनता को आश्वस्त किया की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रबंधन पर कोई आंच नहीं आयेगी। फिर भी पंजाब में और पूरे देशभर में कांग्रेस पार्टी ने जान-बूझ कर कृषि संशोधन बिल के खिलाफ भ्रम फैलाया। जबकि किसानों ने साफ़ तौर पर सभी राजनीतिक पार्टियों को उनके आन्दोलन से दूर रहने की चेतावनी दे रखी है। अब यह राजनीतिक दल जनता में अपनी साख बचाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को सड़कों पर उतार रहे हैं।

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स्मृति ईरानी ने कहा कि इस समय किसान अपनी फसल मंडियों में ला रहे हैं और केंद्र द्वारा घोषित की गई MSP पर सरकारी एजंसियों को अपनी फसल बेच रहे हैं। 15 अक्टूबर तक तीन लाख मीट्रिक टन तक धान की खरीदी प्रक्रीया पूरी हो चूकी है और आगे भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सारा प्रबंध संचालित होगा। यह तथ्य कांग्रेस के गले की हड्डी बन गया है। कांग्रेस पार्टी द्वारा यह भ्रम फैलाया गया कि कृषि उपज मंडी समिति का कानून धवस्त हो जायेगा, लेकिन पंजाब का किसान इस बात से भली-भांति वाकिफ हो चुका है कि कृषि उपज मंडी समिति के कानून को केंद्र सरकार ने हाथ तक नहीं लगाया।

Smriti Irani

स्मृति ईरानी ने कहा कि कपास की खरीद के लिये हमने बार-बार कांग्रेस से आग्रह किया कि पैसा सीधे किसानों तक पहुंचाने में हमारी मदद कीजिए, लेकिन किसान विरोधी पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा इसमे कोई सहयोग नहीं मिला। कांग्रेस ने ना सिर्फ किसानों को भ्रमित करने का पाप किया, बल्कि आढ़तियों को भी सशक्त नहीं होने दिया, लेकिन आज पंजाब का आढ़ती प्रदेश के किसी भी कोने में बैठे किसान से व्यापारिक संबंध बना सकता है। यह कांग्रेस का दोगलापन ही है कि वर्ष 2019 में कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में यह उल्लेख किया था कि कांग्रेस सरकार आते ही कृषि उपज मंडी समिति का कानून निष्क्रिय कर देगी तथा 2013 में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने प्रेसवार्ता के दौरान स्वयं कहा था कि कृषि उपज मंडी समिति के कानून को खत्म करना उचित है।

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स्मृति ईरानी ने कहा कि किसान विधेयक को लेकर कांग्रेस के लोगों में खासकर रिश्वत लेने वालों में बेचैनी का माहौल है। छः दशकों में कांग्रेस सरकार ने किसानों के हित के लिये कुछ नहीं किया तथा केंद्र सरकार ने एक वर्ष मे 90 हजार करोड़ रुपए की राशि सीधा किसानों के खाते तक पहुंचाई है। इस बिल के पारित होने से किसान स्वतंत्र हो गया है तथा अपनी फसल को बेचने के लिये वो मंडियों और मध्यस्थों पर निर्भर नहीं रहा है। वह अनुबंध करके अपनी फसल कहीं भी किसी को भी बेच सकता है तथा अपनी आय में वृद्धि कर सकता है। केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पंजाब में भाजपा कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की।

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तरुण चुघ ने इस अवसर पर पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा के वाहन पर हमले पर बोलते हुए कहा कि शर्मा की गाड़ी के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए और इस हमले की जिम्मेवारी कांग्रेस पार्टी के क्षेत्रीय सांसद रवनीत बिटटू ने ली है। पंजाब कांग्रेस के अन्दर अंतर्कलह होने के कारण कांग्रेस के क्षेत्रीय नेताओं को पंजाब की राजनीति में खुद को स्थापित करने की होड लगी हुई है, जिसके कारण पार्टी के नेता अनुशासनहीनता का प्रमाण स्वत: प्रस्तुत कर रहे हैं और भाजपा के कार्यकर्ताओं पर हमला कर रहे हैं।