newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Ram Temple Construction: …तो बहुत जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर, ये देखिए प्रगति रिपोर्ट

Ram Temple Construction: अब आप इतना सब कुछ पढ़ने के बाद मन ही मन सोच रहे होंगे कि आखिर किस पल और मुद्दे के बारे में बात कर रहे हैं, तो हम बात कर रहे हैं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की। वो साल था 2019, जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था था। वहीं, बाबरी मस्जिद निर्माण हेतु अन्यत्र जगह पर मस्जिद निर्माण के लिए जमीन आवंटित की गई थी।

नई दिल्ली। आखिरकार, वो घड़ी, वो लम्हा, वो पहर, आ ही गई, जिसका हम सभी को इंतजार था। जिस पल के लिए न जाने कितने ही लोगों ने हंसते-हंसते अपने प्राणों की आहुति दे थी। जिस पल के लिए न जाने कितने ही सियासी सूरमाओं ने अपनी पूरा सियासी जीवन खंपा दिया। जिस पल के लिए न जाने कितने ही मसले दरकिनार कर दिए गए थे। जिसके लिए पल के लिए संसद से लेकर तक सड़क लड़ाई गई थी। जिस पल के लिए भारतीय राजनीति की दिशा व दशा बदलने से भी गुरेज नहीं किया गया था। आखिरकार, वो लम्हा अब अपनी चौखट पर दस्तक देने को बेताब हो ही चुका है, बस इंतजार है, तो कुछ लम्हों और प्रक्रियाओं के बीत जाने का। इसके बाद हम और आप उस पल को वास्तविकता में तब्दील होते हुए देखेंगे।  अब आप इतना सब कुछ पढ़ने के बाद मन ही मन सोच रहे होंगे कि आखिर किस पल और मुद्दे के बारे में बात कर रहे हैं, तो हम बात कर रहे हैं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की। वो साल था 2019, जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था था। वहीं, बाबरी मस्जिद निर्माण हेतु अन्यत्र जगह पर मस्जिद निर्माण के लिए जमीन आवंटित की गई थी। चलिए,  अब इतना सब कुछ पढ़ने के बाद मन ही मन सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि आज आप इस रिपोर्ट में राम मंदिर का जिक्र कर रहे हैं। आखिर माजरा क्या है। जरा कुछ खुलकर बताएंगे। तो चलिए अब हम आपको पूरा मसला तफसील से बताते हैं।

दरअसल, पिछले कई दिनों से राम मंदिर निर्माण का कार्य जारी है। अभी तक मंदिर निर्माण से जुड़े कई कार्य किए जा चुके हैं। माना जा रहा है कि बहुत जल्द ही मंदिर निर्माण का कार्य संपन्न हो जाएगा और अयोध्या नगरी में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो चुकी होगी। लेकिन आप कभी ये जानने के लिए आतुर नहीं हुए कि अभी तक राम मंदिर निर्माण का कितना हिस्सा संपन्न हो चुका है। अगर हुए हैं, तो हम आपको बताते चले कि आप बिल्कुल सही मंच पर आए हैं, जहां हम आपको राम मंदिर निर्माण से जुड़ी तमाम जानकारियों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। सर्स लार्सन एंड टुब्रो (एल एंड टी) मंदिर और परकोटा (प्राचीर) के निर्माण के लिए ठेकेदार नियुक्त हैं ॥ टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स (टीसीई) परियोजना प्रबंधन सलाहकार नियुक्त हैं ॥ और चार इंजीनियर हैं श्री जगदीश आफले पुणे आईआईटी-मुंबई, गिरीश सहस्त्रभुजनी गोवा आईआईटी-मुंबई, जगन्नाथजी औरंगाबाद, अविनाश संगमनेरकर नागपुर ये सभी ट्रस्ट की ओर से स्वयंप्रेरणा स्वेच्छा से सेवा दे रहे हैं॥

05 अगस्त, 2020 को, भारत के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भविष्य के मंदिर के गर्भगृह (गर्भगृह) स्थल पर पूजा करके निर्माण कार्य को गति प्रदान की थी ॥ एल एंड टी ने भविष्य के मंदिर की नींव के लिए एक डिजाइन का प्रारूप बनाया था , उसके अनुरूप परीक्षण किया गया था, परंतु आशानुरूप परिणाम नहीं आए तो इस विचार को स्थगित कर दिया गया , यह परीक्षण अगस्त-सितंबर-अक्टूबर, 2020 में किया गया था।  नवंबर-2020 के महीने में, निदेशक (सेवानिवृत्त)-आईआईटी-दिल्ली की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। समिति के अन्य सदस्य निदेशक (वर्तमान)-आईआईटी-गुवाहाटी, निदेशक (वर्तमान)-एनआईटी-सूरत, दिल्ली, मुंबई और चेन्नई के आईआईटी के प्रोफेसर, निदेशक-सीबीआरआई-रुड़की, एलएंडटी और टीसीई की ओर से वरिष्ठ इंजीनियर थे , निर्माण समिति के अध्यक्ष श्री नृपेंद्र मिश्र की प्रेरणा से यह विशेषज्ञ समिति बनी थी। जीपीआर सर्वेक्षण – नवंबर-2020 के महीने में, नेशनल जियो रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआई)-हैदराबाद से अनुरोध किया गया था कि वह निर्माण स्थल पर जमीन का अध्ययन करके और अपनी रिपोर्ट प्रदान करे ताकि नींव के डिजाइन को तय करने में मदद हो सके। एनजीआरआई ने जीपीआर तकनीक का उपयोग करते हुए भू-सर्वेक्षण किया और क्षेत्र की खुली खुदाई करके भूमि के नीचे का मलबा और ढीली मिट्टी को हटाने का सुझाव दिया। यह जीपीआर सर्वेक्षण नवंबर-दिसंबर 2020 में आयोजित किया गया था।

उत्खनन – निर्धारित मंदिर स्थल और उसके आसपास लगभग छह एकड़ भूमि से लगभग 1.85 लाख घन मीटर मलबा और पुरानी ढीली मिट्टी को हटाया गया। इस काम में करीब 3 महीने (जनवरी-फरवरी-मार्च, 2021) लगे। यह स्थल एक विशाल खुली खदान की तरह दिखता था – गर्भगृह में 14 मीटर की गहराई और उसके चारों ओर 12 मीटर की गहराई वाला मलबा व बालू हटाई गई ॥ एक बड़ा गहरा गड्ढा बन गया।

RAM TEMPLE 123

बैक-फिलिंग और मिट्टी को सुदृढ़ करने के लिए रोलर कॉम्पैक्ट कंक्रीट (आरसीसी) का उपयोग – चेन्नई आईआईटी के प्रोफेसरों ने इस विशाल गड्ढे को भरने के लिए विशेष इंजीनियरिंग मिश्रण का सुझाव दिया। आरसीसी कंक्रीट को सुझाई गई विधि परत दर परत के रूप में कंक्रीट डालना था। 12 इंच की एक परत को 10 टन भारी क्षमता वाले रोलर द्वारा 10 इंच तक दबाया जाता था। घनत्व मापा जाता था ॥ गर्भगृह में 56 परत और शेष क्षेत्र में 48 परतों को डाला गया। इसे पूरा होने में अप्रैल 2021 से सितंबर 2021 तक लगभग 6 महीने लगे । उक्त फिलिंग को ‘मिट्टी सुदृढ़ीकरण द्वारा भूमि सुधार’ नाम दिया गया ॥

मानव निर्मित चट्टान – यह कहा जा सकता है कि मिट्टी के भीतर एक विशाल मानव निर्मित चट्टान,कम से कम 1,000 वर्षों के लिए दीर्घायु और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बनाई है। अक्टूबर 2021 – जनवरी 2022 के मध्य भूमिगत RCC की ऊपरी सतह पर, और अधिक उच्च भार वहन क्षमता की एक और 1.5 मीटर मोटी सेल्फ-कॉम्पैक्टेड कंक्रीट RAFT (लगभग 9,000 क्यूबिक मीटर मात्रा में) को 9MtrX 9Mtr के आकार के खंडों में बैचिंग प्लांट, बूम प्लेसर मशीन और मिक्सर का उपयोग करके डाला गया था। । RAFT के निर्दोष निर्माण के इस चरण में IIT-कानपुर के एक प्रोफेसर और परमाणु रिएक्टर से जुड़े एक वरिष्ठ इंजीनियर ने भी योगदान दिया। हम कह सकते हैं कि RCCऔर RAFT दोनों संयुक्त रूप से, भविष्य के मंदिर सुपर-स्ट्रक्चर की नींव के रूप में कार्य करेंगे। देश के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों और संगठनों के सामूहिक विमर्श का यह परिणाम है। इस RAFT को पूरा होने में चार महीने लगे

रिटेनिंग वॉल – मंदिर के चारों ओर मिट्टी के कटान को रोकने और भविष्य में संभावित सरयू बाढ़ से बचाने के लिए दक्षिण , पश्चिम और उत्तर में रिटेनिंग वॉल का निर्माण भी चल रहा है। सबसे निचले तल पर इस वॉल की चौड़ाई 12 मीटर है और नीचे से इस वॉल की कुल ऊंचाई लगभग 14 मीटर होगी। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि मंदिर के पूर्व से पश्चिम की ओर के स्तरों में 10 मीटर का अंतर है अर्थात पूर्व की ओर से पश्चिम की ओर ढलान है।

वर्तमान में सभी गतिविधियां एक साथ प्रगति पर हैं, उदाहरण के लिए, गर्भगृह के चारों ओर प्लिंथ और नक्काशीदार गुलाबी बलुआ पत्थर के ब्लॉकों की स्थापना, पिंडवाड़ा में गुलाबी बलुआ पत्थरों की नक्काशी, मकराना मार्बल्स की नक्काशी और आरसीसी रिटेनिंग वॉल निर्माण आदि। मंदिर का यह निर्माण कार्य निश्चित ही एक इंजीनियरिंग चमत्कार कहा जायेगा ॥ प्रथम चरण में एक तीर्थ सुविधा केंद्र लगभग 25,000 तीर्थयात्रियों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगा। इसे पूर्व की दिशा में मंदिर पहुंच मार्ग के निकट बनाया जाएगा। भगवान वाल्मीकि, केवट, माता शबरी, जटायु, माता सीता, विघ्नेश्वर (गणेश) और शेषावतार (लक्ष्मण) के मंदिर भी योजना में हैं और इन्हें कुल 70 एकड़ क्षेत्र के भीतर परन्तु परकोटा के बाहर मंदिर के आसपास के क्षेत्र में निर्माण किया जायेगा ॥

(19) मंदिर के आयाम:
(i) भूतल पर पूर्व-पश्चिम दिशा में लंबाई – 380 फीट।
(ii) भूतल पर उत्तर-दक्षिण दिशा में चौड़ाई – 250 फीट।
(iii) गर्भगृह पर जमीन से शिखर की ऊंचाई – 161 फीट
(iv) बलुआ पत्थर के स्तंभ- भूतल-166; प्रथम तल -144; दूसरा तल – 82 (कुल-392)

आम तौर पर हर महीने निर्माण समिति सभी इंजीनियरों और वास्तुकारों के साथ श्री नृपेंद्र मिश्राजी की अध्यक्षता में 2 से 3 दिनों तक बैठती है और प्रत्येक विवरण पर बहुत बारीकी से चर्चा करती है। श्री सी.बी. सोमपुरा, अहमदाबाद मंदिर और परकोटा के वास्तुकार हैं, जबकि श्री जय काकतीकर (डिजाइन एसोसिएट्स, नोएडा) परकोटा से बाहर के शेष क्षेत्र के लिए वास्तुकार हैं।

श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण समग्र, परोपकारी और समकालिक संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की रक्षा, संरक्षण और बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक कार्य है। यह देश की राष्ट्रीय एकता और अखंडता को सुनिश्चित करेगा। आने वाली पीढ़ियां इसे सांस्कृतिक स्वतंत्रता और राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए अग्रणी कार्य के रूप में देखेंगी।
प्रस्तुति द्वारा — ( क ) श्री नृपेंद्र मिश्र , अध्यक्ष श्री राम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण समिति (