कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रह सकती है सोनिया गांधी

सोनिया गांधी ने पिछले साल 10 अगस्त को अपने बेटे राहुल गांधी द्वारा 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद फिर से शीर्ष पद की जिम्मेदारी संभाली।

Avatar Written by: August 4, 2020 6:02 pm
sonia gandhi

नई दिल्ली। राहुल गांधी के करीबी नेताओं और कांग्रेस के बुजुर्ग, वरिष्ठ नेताओं के बीच जारी घमासान के बीच सोनिया गांधी पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर एक साल पूरा करने वाली हैं और पार्टी सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि सोनिया इस पद पर आगे भी बनी रह सकती हैं। सूत्रों ने कहा कि अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस के भीतर वर्तमान में न तो पार्टी द्वारा और न किसी व्यक्ति के द्वारा इस संबंध में कोई चर्चा शुरू की गई है। सूत्रों ने कहा, “कोई चर्चा नहीं है, और कोई नियम नहीं है कि हमें एक नया अध्यक्ष नियुक्त करना है।”

Rahul gandhi sonia gandhi

सोनिया गांधी ने पिछले साल 10 अगस्त को अपने बेटे राहुल गांधी द्वारा 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद फिर से शीर्ष पद की जिम्मेदारी संभाली। हालांकि पार्टी ने राहुल को इस्तीफा नहीं देने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन वह अपने फैसले पर डटे रहे, जिसके बाद कांग्रेस कार्यसमिति ने सोनिया को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया।

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सोनिया गांधी सबसे लंबे समय तक कांग्रेस अध्यक्ष रहीं और 2004 और 2009 में लगातार दो आम चुनावों में उन्हें पार्टी की जीत का श्रेय दिया गया। कांग्रेस में सभी घटनाक्रमों की जानकारी रखने वाले पार्टी के एक नेता ने बताया कि सोनिया गांधी अभी अस्पताल से लौटी हैं और पार्टी भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए उनके पीछे खड़ी है। नेतान ने कहा, “पार्टी के सभी वर्गो के लिए वह नेतृत्व बिंदु हैं।”

Sonia and Rahul Gandhi, Congress

सोनिया गांधी को नियमित परीक्षण और जांच के लिए पिछले सप्ताह सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया गया था और रविवार अपराह्न् उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। पार्टी अध्यक्ष पद पर यथास्थिति बनाए रखने के कांग्रेस के रुख के बावजूद पार्टी कें अंदर एक नया अध्यक्ष नियुक्त करने को लेकर मांग उठती रही है। राहुल गांधी के करीबी नेताओं ने तीन मौकों पर मांग की है कि उन्हें वापस कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाए।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीडब्ल्यूसी की एक बैठक के दौरान यह मांग की थी। कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों की जुलाई में हुई बैठकों में भी यह मांग उठी थी।