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NEET-JEE को लेकर सोनिया गांधी का केंद्र पर वार, वीडियो संदेश जारी करते हुए कही ये बात

कोरोनावायरस महासंकट (Coronavirus) के बीच देश में नीट (NEET)-जेईई (JEE) की परीक्षा होने जा रही है। इसी बीच शुक्रवार को कांग्रेस (Congress) की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने नीट-जेईई परीक्षा को लेकर एक वीडियो संदेश जारी किया।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस महासंकट (Coronavirus) के बीच देश में नीट (NEET)-जेईई (JEE) की परीक्षा होने जा रही है। इसी बीच शुक्रवार को कांग्रेस (Congress) की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने नीट-जेईई परीक्षा को लेकर एक वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, ‘छात्र हमारा भविष्य हैं, हम एक बेहतर भारत के निर्माण के लिए उन पर निर्भर हैं। इसलिए यदि उनके भविष्य के संबंध में कोई निर्णय लेना है, तो यह महत्वपूर्ण है कि यह उनकी सहमति के साथ लिया जाए।’

Jee Exam

वीडियो संदेश में सोनिया गांधी ने कहा, ‘मेरे प्यारे छात्रों मैं आपकी परेशानी समझ सकती हूं। आप इस समय एक बहुत मुश्किल परिस्थिति का सामना कर रहे हैं। आपकी परीक्षा कब, कहां और कैसे होगी ये केवल आपके लिए ही नहीं बल्कि आपके परिवार के लिए भी बहुत महत्वपू्र्ण विषय है। आप हमारा भविष्य हैं। एक बेहतर भारत के लिए हम आपके ऊपर निर्भर करते हैं। मुझे उम्मीद है कि सरकार आपकी बात को सुनेगी। आपकी आवाज को सुनेगी और आपकी इच्छानुसार कार्य करेगी। यह मेरी सरकार को सलाह है। जय हिंद।’

इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी मामले पर एक वीडियो बयान जारी किया और कहा कि सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “एनईईटी-जेईई उम्मीदवारों की सुरक्षा के साथ सरकार की विफलता की वजह से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। सरकार को निश्चित ही सभी हितधारकों की बात सुननी चाहिए और एक नतीजे पर पहुंचना चाहिए।”

इसके साथ ही उन्होंने छात्रों से कहा, “आप देश का भविष्य हैं। आप छात्र हैं और आप इस देश को नई ऊंचाईयों पर ले जाने वाले हैं।” राहुल ने कहा, “मैं जो समझ नहीं पा रहा हूं, वह यह है कि आपको क्यों जवाबदेह बनाया जा रहा है..सरकार को क्यों आपलोगों पर कुछ थोपना चाहिए? यह महत्वपूर्ण है कि सरकार छात्रों की सुने।”

वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने ट्वीट कर कहा, “कोरोना के बढ़ते संक्रमण के माहौल में नीट, जेईई परीक्षा देने जाने वाले छात्र-छात्राओं व उनके अभिवावकों की बात सुनना जरूरी है। ये बच्चे देश के भविष्य हैं। छात्र-छात्राओं की चिंताओं को संवेदना से देखना होगा न कि हठ और राजनीतिक दृष्टि से।”