नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अबू आजमी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि अगर वे चाहे तो ज्ञानवापी विवाद का मसला सुलझा सकते हैं, चूंकि उनके द्वारा दिए गए बयानों की अहमियत होती है। देश उनकी बातों को सुनता है। उनके द्वारा दिए गए बयानों को पसंद करता है। ऐसी स्थिति में अगर वे पहल करें तो ज्ञानवापी विवाद का मसला सुलझाया जा सकता है। बता दें कि बीते गुरुवार को संघ प्रमुख ने बिना ज्ञानवापी मस्जिद का जिक्र कर कहा था कि हमें हर मस्जिद में शिवलिंग और मंदिर को ढूंढने की प्रक्रिया पर विराम लगाना चाहिए। उनके उपरोक्त बयान के बाद अब अबू आजमी का बयान सामने आया है। ध्यान रहे कि अबू आजमी हमेशा किसी न किसी मसले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर ही रहते हैं, लेकिन अभी हाल ही में उनके द्वारा दिए गए उनके उपरोक्त बयान को लेकर सियासी गलियारों में काफी चर्चा हो रही है। कई लोग उनके बयान को लेकर हैरतअंगेज भी हो रहे हैं कि आखिर कल तक मोदी सरकार का विरोध करने वाले अबू आजमी ने कैसे आरएसएस का समर्थन में पताका फहरा दिया है।
इसके अलावा उन्होंने बाबरी मस्जिद विवाद का जिक्र कर कहा कि बाबरी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया था, उसे हमने स्वीकार कर लिया है, हमने सोच लिया कि चलो देश का बहुसंख्यक भी चाहता है कि वहां मंदिर बने। लिहाजा हमने उनकी धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखा। लेकिन, मैं यह दावे से कह सकता हूं कि अगर कोर्ट ने मस्जिद बनाने का आदेश दिया होता है, तो वहां मस्जिद किसी भी कीमत पर नहीं बनाई जा सकती थी।
उन्होंने आगे कहा कि अभी हाल ही में महाराष्ट्र में कोर्ट ने नवी मुंबई में मस्जिद बनाने का निर्देश दिया था। लेकिन, स्थानीय हिंदुओं के विरोध के बाद वहां मस्जिद नहीं बनाई गई। इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए मैं तो फिलहाल यही कहना चाहूंगा कि हमें एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
एक-दूसरे का विरोध करना छोड़ देना चाहिए। उधर, उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर कहा कि वैसे तो यह विवाद है ही नहीं, लेकिन अब इसे कोर्ट की चौहद्दी पर पहुंचा कर विवाद की शक्ल दिया जा चुका है, तो मैं तो फिलहाल यही कहना चाहूंगा कि फिलहाल कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जाना चाहिए, तभी किसी परिणीति पर पहुंचा जाना चाहिए। बहरहाल, अबू आजमी के अलावा कई राजनीतिक नेता इस मसले पर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं। कुछ कोर्ट के फैसले के इंतजार करने की बात कर रहे हैं, तो कुछ इसे आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव का ट्रिजर बता रहे हैं, लेकिन इन तमाम स्थितियों को ध्यान में रखते हुए इसे लेकर कोर्ट की तरफ से इसे लेकर क्या कुछ फैसला सामने आता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम